रेवाड़ी:डीसी राहुल हुड्डा ने वीसी में जिला प्रशासन की ओर वायु व पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किए गए प्रबंधों व व्यवस्थाओं से अवगत कराते हुए कहा कि जिला रेवाड़ी में फसल अवशेष व पराली जलाने से संबंधित कोई केस नहीं है। उन्होंने चैयरमेन श्री राव को आश्वस्त किया कि जिला में उनके द्वारा दिए गए निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित कराई जाएगी।National News: अंजू को भारत आने को लेकर बडा झटका, आई बडी अपडेट, जानिए अब वह कब आएगी भारत
डीसी राहुल हुड्डा ने कहा कि रेवाड़ी सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) पर्यावरण व वायु प्रदूषण के निरंतर बढ़ते स्तर को लेकर सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण और सरकार एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब स्थिति में है।
सरकार की ओर से एनसीआर में ग्रैप के चौथे चरण की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी निकायों, एसएसआईआईडीसी सहित अन्य संबंधित विभागाध्यक्षों को सख्त एवं कड़े निर्देश दिए कि वे हाथ पर हाथ धरकर न बैठे रहें बल्कि पर्यावरण व वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाएं। डीसी राहुल हुड्डा गत दिवस हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी. राघवेंद्र राव की ग्रैप के संबंध में सभी जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंस उपरांत संबंधित विभागाध्यक्षों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।Political news: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर बोला हमला, देशद्रोही ताकातों के साथ खडी है कांग्रेस
वायु प्रदूषण रोकने के लिए लगाई धारा 144 :
जिलाधीश राहुल हुड्डा ने जिला में कचरा, पत्तियां, प्लास्टिक, रबर और अन्य ज्वलनशील सामग्री सहित अपशिष्ट पदार्थ जलाने पर धारा 144 के तहत कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। आदेशों में कहा गया है कि कचरा, पत्तियां, प्लास्टिक, रबर और अन्य ज्वलनशील सामग्रियों सहित अपशिष्ट पदार्थ जलाने से वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो रही है, जिससे पर्यावरण में विषाक्त पदार्थों में बढ़ोतरी हो रही है।
उन्होंने बताया कि रेवाड़ी जिले के खुले क्षेत्रों, गलियों, बैकयार्ड, औद्योगिक या ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के अपशिष्ट पदार्थों को जलाना सख्त वर्जित है। आदेश का उल्लंघन करते पाए जाने वाले व्यक्तियों, समूहों या संस्थाओं को कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर परिषद सभीनगर पालिका, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कानून प्रवर्तन एजेंसियां जिला में आदेशों की कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगी और अपशिष्ट जलाने की किसी भी घटना की निगरानी करते हुए रिपोर्ट करेंगी।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे फसल अवशेष जलाने सहित डंपिंग साइट पर कूड़ा-कचरा जलाने वालों पर कड़ी नजर रखें और ऐसे करने वालों से जुर्माना वसूले। प्रदूषण नियंत्रण उपायों में किसी प्रकार की ढील व कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी।
निर्माण कार्यों पर लगाए पूर्णत: प्रतिबंध :
डीसी ने लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला में सभी निर्माण कार्यों व निर्माण कार्यों को ध्वस्त करने से संबंधित प्रक्रिया पर पूर्णतया: प्रतिबंध लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिस एरिया में कंस्ट्रक्शन बैन है उस एरिया में निर्माण कतई न होने दें। उन्होंने नगर परिषद, नगर पालिका, एचएसआईआईडीसी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य संबंधित विभागों को निर्देश दिए।
वे जिला में कंस्ट्रक्शन साईट व औद्योगिक ईकाइयों की नियमित रूप से विजिट करते हुए चेकिंग करें और ग्रैप नियमों की अनदेखी, अनियमितताएं व कोताही पाए जाने पर उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए सख्त कार्रवाई करें और उनके चालान भी करें। उन्होंने धूल-मिट्टïी को उडऩे से रोकने के लिए नियमित रूप से पानी का छिडक़ाव कराने के निर्देश दिए। जिला में किसी प्रकार की खनन गतिविधियां न होने पाए।Dharuhera: नपा ने अतिक्रमण करने वालो के काटे चालान
पटाखों के भंडारण, बिक्री व इस्तेमाल करने वालों पर करें कड़ी कार्रवाई : डीसी
डीसी ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जिला में पटाखों के भंडारण, बिक्री व इस्तेमाल (ग्रीन पटाखों को छोडक़र) पर रोक के आदेश जिला में 1 नवंबर से प्रभावी हो चुके हैं जो 31 जनवरी 2024 तक प्रभावी रहेंगे। ऐसे में संबंधित विभाग दीपावली पर्व के मद्देनजर इन आदेशों की जिला में सख्ती से पालना सुनिश्चित करवाएं।
इसके लिए विभाग छापामार कार्रवाई करते हुए आदेशों की अवहेलना करने वालों के चालान करें और उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त एक्शन लें। उन्होंने संबंधित एसडीएम अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में नियमित रूप से रेड करने व कंस्ट्रक्शन साइट, औद्योगिक इकाइयों का औचक निरीक्षण करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माणाधीन साइट पर एंटी वाटर गन व स्प्रिंकलर लगवाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को सडक़ों पर धूल-मिट्टïी को उडऩे से रोकने के पानी का छिडक़ाव कराने तथा औद्योगिक इकाईयों को निर्माण के दौरान वाटर स्प्रिंकलर सिस्टम का प्रयोग करने के निर्देश दिए।