अलवर: (सुनील चौहान) राजस्थान में 200 विधासनसभा के 23 नवंबर को चुनाव होने है। जबकि 3 दिसंबर को परिणाम सुनाया जाएगा। अलवर जिले की होट सीत तिजारा को पहले ही काफी विवावित रही है। पिछली बार सीट गंवाने के बाद इस बार भाजपा ने नया खेल खेला है।
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भारतीय जनता पार्टी ने 41 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इनमें सांसद बालकनाथ को तिजारा विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है। इस नाम की चर्चा भी औरों से सबसे ज्यादा है। इन्हें ‘राजस्थान का योगी’ भी कहते हैं। भारतीय जनता पार्टी ने बाबा बालकनाथ को तिजारा से चुनावी टिकट दिया है।
बाबा को टिकट मिलने ही दूसरी पार्टियों की नींद उड गए है। विशेष सुमदाय बाहल्य विधानसभा को भाजप को टक्कर देने के लिए कांग्रेस हाईकमान की बैठक की जा रही है।
चुनाव आयोग की आचार संहिता लगने के कुछ घंटे बाद ही बीजेपी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव की पहली लिस्ट जारी की। चौंकाने वाली बात यह है कि अलवर के सांसद बालकनाथ को तिजारा विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है।
पहली बार बने थे सांसद
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में अलवर से कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को हराया था, जिसके बाद बाबा बालकनाथ पहली बार सांसद बने। बाबा बालकनाथ की आसपास के क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ हैं और वे लोगों में अपने हिंदुत्व एजेंडे को लेकर भी काफी प्रचलित हैं।
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कांग्रेस के दिग्गज नेता को करारी पटखनी देने के बाद ही ‘बाबा’ के नाम को राजनीति के गलियारे में बंपर उछाल मिला। बीजेपी कार्यकर्ता को हिरासत में लेने से नाराज सांसद ने डीएसपी से कहा था- मेरा नाम याद रखना। मेरी सूची में तीन लोग हैं, एक तो यहां के विधायक, पुराने थानेदार और अब आप भी मेरी लिस्ट में हैं।
क्यो कहते हैं इसे ‘राजस्थान का योगी’
राजस्थान के अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ मस्तनाथ मठ के महंत हैं। उनकी स्टाइल यूपी के सीएम योगी की तरह दिखती है। इसलिए उनको राजस्थान का योगी भी कहा जाता है। भगवा कपड़ों ने रहने वाले महंत बालक नाथ को बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में से एक माना जाता है।‘Ayushman Card बनाओ, 5 लाख तक मुफ्त इलाज पाओ, जानिए कैसे बनवाए कार्ड?
टिकट के लिए लगी लाईन
पिछले बार तिजारा से संदीप दायमा को भाजपा ने टिकट दिया था जिससे संदीप यादव ने बसपा ने काफी मतो से हराया था। इतना ही जीत के बाद संदीप यादव कांग्रेस मे चेले गए थे। अलवर की होट सीट होने के चलते इस सीटी पर दावेदारो की संख्या काफी ज्याद थी। इतना ही नहीं यहां से सीट को निकालना आसान नही है। इसी के बाद बाबा के नाम खेल खेला गया है।