बडा खुलासा: लॉरेंस बिश्नोई गैंग में शामिल होना ​चाहता था मोनू मानेसर, गोरक्षक की आड में काले कारनामें

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हरियाणा: पुलिस का जो शक था वह ठीक निकला। गौसेवा की आड मे मोनू नया खेल रहा था। वह नूंह में जलाभिषेक यात्रा के दौरान हुई हिंसा भंडकाने में तो शामिल था ही वहीं अपराध की दुनिया में बड़ा नाम कमाना चाहता था।

गोरक्षक की आड में वह बडे काले कारनामे कर रहा था। जैसे ही हरियाणा सरकार को उसका असली चेहरा दिखाई दिया तो उसे काबू करके राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया है।हरियाणा में रेल यातायात रहेगा प्रभावित, अजमेर-जम्मूतवी सुपरफास्ट सहित कई ट्रेनें आंशिक रद्द

जानिए कैसे हुआ खुलासा

राजस्थान पुलिस ने मोनू को नासिर व जुनैद की हत्या के आरोप में रिमांड पर लिया हुआ है। मोनू मानेसर ने रिमांड मे संकेत दिया है नासिर व जुनैद को सबक सिखाने के लिए उनकी हत्या से आठ दिन पहले प्लान तैयार कर लिया था।

 

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8 माह से चल रहा था फरार

राजस्थान पुलिस ने हरियाणा पुलिस के कुछ खुलासे शेयर किए है। नासिर व जुनैद की हत्या के बाद से ही नूंह हिंसा का आरोपित मोनू मानेसर फरार था। लेकिन 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद पूरी तरह से अंडरग्राउंड हो गया था। राजस्थान पुलिस को पूछताछ के दौरान मोनू मानेसर ने कई ऐसी जानकारियां दी हैं, जो चौंकाने वाली हैं।

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अपराध की दुनिया में चाहिए नाम

मोनू मानेसर लॉरेंस बिश्नोई गैंग में शामिल होकर अपराध की दुनिया में छाना चाहता था। लॉरेंस के भाई अनमोल के संपर्क में कई दिनों तक रहने के बाद मोनू मानेसर की लॉरेंस से फोन पर बातचीत भी हुई। पहली बार 27 अगस्त को बातचीत हुई थी। अनमोल की ओर से मोनू मानेसर को बताया गया कि भाई (लॉरेंस) का फोन चालू हो गया है।Monu Manesar: मोनू मानेसर के समर्थन में उतरे दल, कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए राजस्थान जाएगी कमेटी

मोनू से लॉरेंस बिश्नोई की बात लॉरेंस के भाई अनमोल ने कराई थी। लॉरेंस और मोनू के बीच यह बातचीत सिग्नल एप पर हुई थी। इस एप के बारे में धारणा है कि इस पर होने वाली बातचीत का रिकार्ड नहीं निकाला जा सकता लेकिन सिग्नल एप पर लॉरेंस के भाई अनमोल तथा मोनू मानेसर के बीच हुई चैटिंग सीआइडी के पास पहुंच गई है।

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कई दिन छिपा रहा बैंकाक

वारदात के मोनू मानेसरअपने एक मित्र विकास के साथ एक सप्ताह के लिए मौज-मस्ती करने थाइलैंड (बैंकाक) भी गया। वहां मोनू मानेसर के मस्ती करते हुए कुछ फोटो पुलिस के हाथ लगे हैं।
इतना ही किसी कोई शक नहीं हो हो वह चुपचाप धुमता रहा। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए मोनू मानेसर कई दिनों तक वृंदावन में छिपा रहा। वहां उसका स्वयं का होटल है। इस होटल में वह लगातार कई दिन अंडरग्राउंड रहा।BJP News Rewari: शहीद दीन दयाल के स्मारक से पवित्र मिट्टी लेकर रेवाड़ी के लिए प्रस्थान

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जानिए कैसे टूटा सपना

मोनू मानेसर आज तक स्वयं को गोरक्षक के रूप में पेश करता रहा। उसकी इंटरनेट मीडिया पर कई विवादित वीडियो भी प्रसारित हुई, जिसके बाद नूंह में दंगा फैला।Rewari: जनहित कल्याण समिति ने रामपुरा हाउस में जताई आस्था

बताया जाता है कि अनमोल ने कॉन्फ्रेंस पर लेकर मोनू मानेसर की लॉरेंस बिश्नोई से बातचीत कराई। तब मोनू ने इच्छा जताई कि वह लॉरेंस की शागिर्दी में काम करना चाहता है। इससे पहले कि उसका सपना पूरा होता, 12 सितंबर को मोनू मानेसर को गिरफ्तार कर लिया गया।