खुलासा: रेवाड़ी में इस साल पकड़े महज 51 बेसहारा पशु.. ऐसे में कैसे हुआ कैटल फ्री शहर

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बेसहारा पशुओं से परेशान पंजाबी समाज उतरा सडकों पर, जताया रोष
रेवाड़ी: रेवाड़ी में बेसहारा पशुओ के आंतक से लोग परशोन है। बार बार अपील के बाजवूद कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। नपा हर बार केटल फ्री के दावे कर रहा है। गुस्साए व्यापारी सडकों पर उतर आए है। इतना ही व्यापारियो ने कहा के चेयरपर्सन को अपनी कुर्सी छोड देनी चाहिए।Haryana: कार धीरे चलाने दी नसीहत, बदमाशों ने Rewari में की फायरिंग

 

समाजसेवी एवं पंजाबी सभा के प्रधान महेंद्र छाबड़ा ने कहा कि आज शहर काकोई कौना ऐसा नहीं है जहां गो वंश न हो । दुर्भाग्य की बात है कि गायों को सड़कों से हटाने के नाम पर नगरपरिषद द्वारा कागज़ों में कार्रवाई की जा रही है।

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गायों के झुंड का हमला करना पहली घटना नहीं है इससे पहले अनेक शहरवासी घायल हो चुके हैं और कुछलोग जान भी गंवा चुके हैं इंसान की जान की क़ीमत उसका परिवार ही समझ सकता है।

दो दिन पहले शहर के ब्रास मार्केट के निकट गायों के झुंड ने एक व्यक्ति पर हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया अगर आस पासके लोग हिम्मत कर के सामने नहीं आते तो उस व्यक्ति की जान भी जा सकती थी।

महेंद्र छाबड़ा ने कहा कि इस घटना की जिम्मेदारी नगर परिषद की चेयरपर्सन पूनम यादव को लेनी चाहिये और सामने आकर बयान देना चाहिए था लेकिन उन्होंने नगर परिषद के सीएसआई संदीप सिंह से बयान जारी करवाया की एक एजेंसी द्वारा शहर को केटल फ्री करने के लिए ठेका दिया हुआ है।हरियाणा के इस शहर में धारा 144 लागू.. जानिए क्या है वजह?

उन्होने कहा कि जिस तरह से शहर के हालात सड़को पर गाय-बैल, टूटी सड़कें जगह जगह गड्ढे ,गन्दगी के ढेर, प्रॉपर्टी आईडी के नाम परलोगो की लम्बी क़तार, मामूली बरसात से बाढ़ जैसे हालात साफ़ कर रहे है कि नगर परिषद चलाने में चेयर पर्सन पूरी तरह से फ़ेल हो चुकी है इसलिए उन्हें कुर्सी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा देकर जनता से माफी मांगनी चाहिये।Haryana News: 48 IAS, IPS और HCS अफसर ACB के रेडार पर, सीएम के पास भेजा काला चिटठा, जल्द गिरेगी गाज?

धारूहेड़ा में भी यही हाल: कहने को तो रेवाड़ी व धारूहेड़ा में पशुओं को पकडने लिए एक एजेंसी को ठेका क दिया हुआ है। इस साल धारूहेड़ा में 308  पशु तथा रेवाड़ी में केवल 51 पशु की पकडे है। साफ जाहिर हो रहा है कि एजेंसी से मिलकर अधिकारी अपनी जेबें भर रहे है। धारूहेडा गोशाला में पहले जहां 398 पशु थे , जबकि अभी 757 पशु है।