हरियाणा: गांधी विश्वविद्यालय रेवाड़ी एवं भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वावधान में सरदार पटेल भवन में राज्य स्तरीय गुरु वंदना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।Night Domination Campaign: 1621 वाहनों की हुई जांच, 38 वाहनों के काटे चालान
गुरु व्यास पूजा कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा शंकर पचौरी, विशिष्ट अतिथि संगठन के संयुक्त महामंत्री श्री सुनील शर्मा, अखिल भारतीय सह प्रमुख शालेय प्रकल्प श्री पुष्पेंद्र राठी, संपर्क विभाग की सह प्रमुख डॉ. चंचल भारद्वाज ने शिरकत की।
कार्यक्रम में शिक्षण मंडल के प्रांत अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार भारद्वाज एवं कुलसचिव प्रो. प्रमोद कुमार की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे. पी. यादव ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ गुरु वेद व्यास एवं मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं विश्वविद्यालय कुलगीत द्वारा किया गया।मालाहेडा में ठीकरी पहरा देने वालों को मिली धमकी
गुरु वंदना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा शंकर पचौरी ने कहा कि ज्ञान प्राप्त करने की आयु नहीं होती। गुरु शिष्य परंपरा ही भारतीयता का आधार है जो कि विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। जहां श्रद्धा और गुरु है वहां ज्ञान अपने आप उदित हो जाता है। उन्होंने कहा कि श्रद्धावान लभवाते ज्ञानम। सफलता पाने के लिए मन मुखी न होकर गुरुमुखी बनना चाहिए ताकि गुरु के मार्गदर्शन से ज्ञान संयोजित होता रहे।
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अखिल भारतीय संयुक्त महामंत्री सुनील शर्मा इंजीनियर ने कहा कि जो बड़ा है वो गुरु है। जिसमें वजन है वो गुरु है। उन्होंने कहा कि हम शिष्य बनकर ज्ञान प्राप्त कर सकते है। उन्होंने महाभारत काल के श्रीकृष्ण अर्जुन संवाद को गुरु शिष्य परंपरा के रूप में प्रस्तुत किया। गुरु शिष्य परंपरा को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए ही संस्थानों में अधिक से अधिक गुरु वंदन कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।
प्रांत अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार भारद्वाज ने कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा हरियाणा प्रांत में तीन जुलाई गुरु पूर्णिमा से पूरे महीने संस्थानों में अधिक से अधिक गुरु वंदना कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि भारतीय गुरु शिष्य परंपरा में गुरु को भगवान से भी बड़ा माना गया है।
कुलपति प्रो. जे.पी. यादव ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि भारतीय गुरु कुल शिक्षा पद्धति विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। महर्षि वेद व्यास की जयंती को व्यास पूजा के रूप में मनाया जाता है। महर्षि वेद व्यास ने चार वेदों और पंचम वेद महाभारत की रचना की। उन्होंने कहा कि हम सबको सफलता प्राप्त करने और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए गुरुमुखी होना पड़ेगा।नहीं थम रही अवैध हथियारों की सप्लाई, युवक से दो हथियार बरामद
आज हमें अपने आपको एक अच्छे शिक्षक एवं गुरु के रूप में प्रस्तुत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परंपरागत भारतीय ज्ञान पर जोर दिया गया है। उन्होंने सम्मान पाने वाले सभी गुरुओं को बधाई देते हुए सावन शिवरात्रि की शुभकामनाएं दी।
कुलसचिव प्रो. प्रमोद कुमार ने सभी का धन्यवाद देते हुए गुरु शिष्य के महत्व को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षक का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। सम्मान का भाव होना हर एक अच्छे शिक्षक की पहचान होती है। उन्होंने कहा कि हम शिक्षकों को अपने अंदर मूल्यों को बनाए रखना चाहिए ताकि गुरु शिष्य परंपरा को सही रूप में प्रस्तुत किया जा सके।
कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ. पवन कुमार ने किया। गुरु वंदना कार्यक्रम में अनेक शिक्षकों को भगवत गीता, नारियल एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।
ये रहे मौजूद: इस कार्यक्रम में प्रो. सतीश खुराना, प्रो. रश्मि पुंडीर, प्रो. विपिन, प्रो. सविता श्योराण, डॉ. करण सिंह, डॉ. अल्पा यादव, डॉ. रीना हुड्डा, डॉ. ईश्वर शर्मा, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. सतीश कुमार, सत्यपाल शास्त्री, प्रांत कोषाध्यक्ष राजू शर्मा, रामकिशोर पुनिया, प्रांत सह प्रचार प्रमुख ऋषि शर्मा, डॉ. जगदम्बे वर्मा, सुरेंद्र यादव, डॉ. विपिन, डॉ. अनूप यादव, शमशेर तोगड़िया, राकेश भाटिया, राकेश श्योराण, डॉ. नरेश कन्नौजिया, डॉ. उमा कुमारी शाह, सहित अनेक शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।