हरियाणा: आज महंगाई के समय सरकारी नौकरी कौन नहीं चाहता। फिर अगर आपको तीन चार लाख मे सरकारी नौकरी मिल रही है तो भला आप क्यों मना करेंगे। यहीं कारण कि सरकारी नौकरी के झांसे में लाकर ठगी का खेल तेजी से बढता ही जा रहा है।Haryana: गांवो में बनेगें सेल्फ हेल्प ग्रुप, होगी कमाई, जानिए क्या होगा इनका काम
बडी सफलता: हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दरअसल पुलिस ने सरकारी नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। आरोपियों ने पीड़ितों से 16.50 लाख रुपए ठगे थे। पकड़े गए 2 ठग उत्तर प्रदेश, 2 दिल्ली से और 1 हरियाणा का रहने वाल हैं। पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चार लाख रुपये, मोबाइल फोन, कंप्यूटर, पेन ड्राइव आदि बरामद किया है।
जानिए कैसे देते थे नोकरी
केंद्र सरकार के आयकर विभाग, एफसीआई, मिलिट्री विभाग, सीआरपीएफ, आरपीएफ, रेलवे, सीआईएसएफ, बैंक, और यूपी पीडब्ल्यूडी में नौकरी लगवाने का लालच देते थे।
गिरोह ने सरकारी विभागों की फर्जी स्टांप, फर्जी लेटर पैड, फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी वेबसाइट बनाई हुई थी। इनकी सहायता से आरोपी पीड़ितों को विश्वास दिलाते थे कि उनकी नौकरी लग गई है।
खातों से बड़ी रकम का लेनदेन
कई राज्यों में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। जांच में आरोपियों के अलग-अलग बैंक खातों से बड़ी-बड़ी रकम के लेनदेन की जानकारी मिली है। रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम कइ लोगो से ठगी की है।Rewari: भिवाड़ी ने फिर छोड़ा अथाह काला पानी, सेक्टर के लोग घरों में हुए कैद
गिरोह काबू: गिरोह में मुख्य साजिशकर्ता उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी दीपक राठी और रोहतक के कटेसरा गांव का विष्णु चौहान थे। तीसरा आरोपी उत्तर प्रदेश के सीतापुर निवासी राहुल ग्राहक लाकर डील कराने और फर्जी दस्तावेज तैयार कराने का काम करता था।
ये किया बरामद : दो आरोपी नई दिल्ली निवासी विमल कुमार और दिल्ली के शास्त्री नगर के रहने वाले मोहम्मद शोएब साइबर कैफे से फर्जी लेटर और लिंक आदि भेजने का काम करते थे। पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चार लाख रुपये, मोबाइल फोन, कंप्यूटर, पेन ड्राइव आदि बरामद किया है।

















