हरियाणा: किसानों की आय बढाने व फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने एक स्पेशल योजना शुरू की है। किसानों को मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना के माध्यम से लाभांवित किया जा रहा है।Rewari: चोरी की बाइक को बेचने से पहले दोनो दबोचे
इस योजना के माध्यम से जिला के बागवानी खेती करने वाले किसान फसल की खेती के दौरान व उसके उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम कर सकते हैं।
कारगर साबित हो रही योजना :
किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना किसानों को सब्जियों व फलों के भाव से जोखिम मुक्त कर उन्हें फसल का उचित दाम दिलाने में कारगर साबित हो रही है।
ऐसे किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार फसल में लगने वाले घाटे (नुकसान) के जोखिम को कम करने के लिए भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत मुआवजा व मूल्य के रूप में प्रोत्साहन धनराशि प्रदान करेगी।
कई बार यह देखने में आया है कि किसान जब अपनी बागवानी की फसल को मंडी में बेचने जाता है तो उसको फसल का सही दाम नहीं मिल पाता। जिससे किसान हतोत्साहित होकर फिर से पारंपरिक खेती करने का विचार करता है।Rewari Accident: तेज रफ्तार ऑल्टो कार ने बाइक सवार दो श्रमिको को कूचला
इन सब्जियों व फलों को किया गया है सूचीबद्ध : डीसी
डीसी इमरान रजा ने बताया कि इस योजना के तहत आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन भिंडी मिर्च, करेला,रूद, चीकू बंद गोभी, मूली, किन्नू, , आड़ू, आलू, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी आदि को शामिल किया गया है।
750 व 1000 प्रीमियम की सुविधा
इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 30000 प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा जिसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर 1000 प्रति एकड़ का प्रीमियम देखकर किसान 40000 प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होने अनिवार्य है।