Hydrogen Train : उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी ने बताया कि देश का पहला प्लांट जींद में लगाया जा रहा हैा इस प्रोजेक्ट पर दुनिया के कई देशों की नजर है। हालांकि इस तरह का प्रोजेक्ट दुनिया के कुछ देशों में काम कर रहा है लेकिन जींद के प्लांट पर कई देशों की नजर है।Rewari: नेवी में नौकरी लगाने के नाम पर 1.60 लाख रूपए ठगी
भारतीय रेलवे की बहुप्रतीक्षित हाइड्रोजन ट्रेन (Hydrogen Train) अगले साल तक हरियाणा के जींद से रवाना होगीा इस खुशखबरी की घोषणा उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी ने हरियाणा के जींद जिले के दौरे के दौरान की.
Rewari: मालपुरा से कार व सेक्टर छह से बाइक चोरीसफलता मिली तो आगे बढाया जाएगा।
यदि यह प्लांट काम करना शुरू कर देगा तो इसे अन्य स्थानों पर भी बढ़ाया जाएगाा इसके साथ ही, दुनिया के कई अन्य देश भी इस तकनीक को अपनाएंगे। फिलहाल ट्रायल के रूप में इसे लागू किया जा रहा है।
जानिए क्या है इसके फायदे
हाइड्रोजन ट्रेनें मूल रूप से हाइड्रोजन ईंधन सेल पर चलती हैं. ये ईंधन सेल ऑक्सीजन और हाइड्रोजन को मिलाकर बिजली बनाते हैं जो ट्रेन की मोटरों को चलाती है.
पहली हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेन जींद और सोनीपत के बीच चलेगी.
पारंपरिक डीजल ट्रेनों की तुलना में हाइड्रोजन ट्रेनें पर्यावरण की दृष्टि से फायदेमंद हैं क्योंकि वे नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर जैसे खतरनाक प्रदूषकों का उत्सर्जन नहीं करती हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, हाइड्रोजन ट्रेनें केवल जर्मनी में चल रही हैं.
इस आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए रेलवे प्रशासन ने हाइड्रोजन ट्रेन के निर्माण का खाका तैयार कर लिया है। जो 105 की रफ्तार से एक दिन में केवल 360 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।