एटीएम उखाड़ने वाला अंतरराज्यीय गिरोह : आर्मी से भगोडे सुखविंद्र ने भाईयो से मिलकर बनाई गैंग. जानिए कैसे बना सरगना

हरियाणा: हरियाणा पुलिस ने एटीएम उखाड़ने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना को काबू किया है. सगरना कोई ओर नहीं बलिक आर्मी से भगोडा व पटियाला के गांव शादीपुर निवासी सुखविंद्र है.

 

सुखविंद्र उर्फ सूखा 2018 में दुबई चला गया. जहां उसने फॉल सीलिंग का काम शुरू किया, लेकिन मुनाफा नहीं हुआ तो वह 10 माह बाद वापस भारत आ गया. उसने वापस आकर अपनी गैंग बनाई। इसमें अपने छोटे भाई भूपेंद्र को शामिल किया। उसके बाद गैंग में पटियाला के गांव कोल निवासी देवेंद्र और उसके भाई गुरमीत को शामिल किया.

 

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छुट्टी आने के बाद दोबारा नहीं गया वापस
पुलिस ने बताया कि 1997 में सेना में भर्ती हुआ और 2001 में छुट्टी पर आने के बाद वापस नहीं गया. सेना ने उसके भगोड़ा घोषित कर दिया था. कुछ टैक्सी ड्राइवर बनके रैकी का कार्य किया.

यू आया काबू
साथियों के साथ 2017 में पानीपत के उरलाना कलां गांव समेत दो जगह एटीएम उखाड़ने की वारदात को अंजाम दिया. पुलिस की 12 सदस्यीय टीम ने आरोपियों को पकड़ने के लिए 200 किलोमीटर के 500 सीसीटीवी कैमरे खंगाले, 300 घंटे की फुटेज जांची.

भाई के साथ मिलकर बनाई टीम

जिसके बाद हरियाणा व पंजाब के अलग-अलग जिलों में एटीएम मशीन उखाड़ने की विभिन्न वारदातों का अंजाम दिया. सुखविंद्र का भाई आरोपी भूपेंद्र अनपढ़ है. वह सुखविंद्र के साथ नौ वारदातों में शामिल रहा है.National News: पहलवानो का अल्टीमेटम खत्म, दिल्ली पुलिस पर टिकी निगांहे
वहीं आरोपी गुरमीत 12वीं पास है। वह 24 में से 15 वारदातों में शामिल रहा है. उसका छोटा भाई आरोपी देवेंद्र 10वीं पास है. वह 22 वारदातों में शामिल रहा है.

एटीएम रखने के लिए गाडी मे बनाई जगह

करनाल के असंध गांव निवासी एक युवक से पांच लाख रुपये में फॉर्च्यूनर गाड़ी खरीदी. उन्होंने ढाई लाख रुपये लगाकर मॉडीफाई कराया. उसकी पिछली सीट हटवा दी, ताकि वह एटीएम को लेकर जा सकें.\ gas

वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने पहले फर्जी नंबर प्लेट तैयार की. उसके बाद ये खेल खुरू कर दिया गया. वे फिर हथियार के साथ फॉर्च्यूनर में सवार होकर आते और रस्सी से एटीएम को बांधकर गाड़ी में डाल ले जाते थे। कोई रोकता तो उन पर फायर कर देते थे.

आरोपियों के पास फॉर्च्यूनर के अलावा मारुति-800 कार भी है. वे दो दिन पहले एटीएम की रेकी करते थे। इसमें एटीएम की लॉकेशन, सड़कों के सीसीटीवी देखते थे.

ऐसे हुआ खुलासा

पुलिस को सिर्फ फॉर्च्यूनर गाड़ी की फुटेज मिली थी. जिसमें नंबर प्लेट भी किसी दूसरी गाड़ी की लगी थी. पुलिस ने एक-एक कैमरे की फुटेज खंगालनी शुरू की. पुलिस आरोपियों के रास्ते को ट्रैक करती गई.National News: पहलवानो का अल्टीमेटम खत्म, दिल्ली पुलिस पर टिकी निगांहे

पुलिस ने करीब 200 किलोमीटर तक 500 सीसीटीवी कैमरे की 300 घंटों की फुटेज खंगाली. पुलिस आखिर में पंजाब पहुंची. जहां पर पुलिस ने पैदल व बाइक पर करीब 30 गांव खंगाले.

जिसमें पुलिस ने ग्रामीणों को फॉर्च्यूनर की फोटो दिखाई। जिससे पता चला कि पटियाला के गांव शादीपुर में डेरे के पास एक निर्माणाधीन मकान में गाड़ी खड़ी है. पुलिस मौके पर पहुंची फॉर्च्यूनर कई नंबर प्लेट, मारुति-800 कार, गैस कटर मशीन की शिनाख्त की.