हरियाणा: हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HSIIDC) ने एक योजना तैयार की है। इसी के चलते गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे के पास 100 एकड़ में विजन सिटी विकसित की जाएगी।
दो नए शहर सिंगापुर, दुबई को टक्कर देंगे
गुरुग्राम साइबर सिटी के नाम से दुनिया भर में मशहूर है। इसकी चकाचोंध के सामने अब दिल्ली राजधानी भी पिक्की पडती जा रही है। गुरुग्राम में बनी साइबर सिटी और गोल्फ कोर्स रोड को देखने देश-विदेश से लोग आते हैं। इन इलाकों में फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग भी होती है।Rewari: भिवाडी से बाइक चोरी कर रेवाडी मे बेचने से पहले दबोचे
अब बनेगी यहा पर दो सीटी
ग्लोबल सिटी और विजन सिटी के विकास के बाद गुरुग्राम तीन शहरों के शहर के रूप में जाना जाएगा। दोनों शहरों का मुकाबला सिंगापुर, दुबई और मलेशिया जैसे शहरों से होगा. इन शहरों के विकास के बाद रोजगार और कारोबार भी बढ़ेगा। ग्लोबल सिटी और विजन सिटी के बनने के बाद विदेशो के शहर भी गुरूग्राम के सामने फीके होंगे।
जानिए क्या होगी सुविधाएं
ग्लोबल सिटी में कॉरपोरेट ऑफिस के साथ-साथ रेजिडेंशियल अपार्टमेंट, स्कूल, जैसी अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। जबकि विजन सिटी में व्यावसायिक कंपनियों के कार्यालय, होटल, बिजनेस पार्क, मॉल आदि ही बनेंगे। दोनों शहरों की 1100 एकड़ जमीन पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है।
100 एकड़ जमीन पर की योजना तैयार
अरुण गर्ग (डीजीएम, एचएसआईआईडीसी) ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे के पास 100 एकड़ जमीन पर विजन सिटी बनाने की योजना तैयार की गई है। अलग-अलग साइज के प्लॉट होंगे।
हम ग्लोबल सिटी और विजन सिटी के बीच कनेक्टिविटी की योजना पर भी काम कर रहे हैं। सिर्फ व्यावसायिक कंपनियां ही यहां ऑफिस, होटल, बिजनेस पार्क बना सकेंगी।Rewari: शराबी भतीजे ने पीट-पीट कर दी बुजुर्ग ताई की हत्या, पुलिस ने दो घंटे मे ही दबोचा
दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी पर कार्य
सेक्टर-36बी और 37बी में एक हजार एकड़ जमीन पर ग्लोबल सिटी विकसित की जाएगी। वहीं, विजन सिटी को सेक्टर 88 में विकसित किया जाएगा। द्वारका एक्सप्रेस-वे के गुजरने से दोनों शहरों के बीच फिलहाल कोई संपर्क नहीं है।
जानिए कैसे होगी कनेक्टिविटी
एचएसआईआईडीसी दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी के लिए योजना तैयार कर रहा है। इसमें पहले विकल्प द्वारका एक्सप्रेस वे के ऊपर फ्लाईओवर बनाकर या दूसरे विकल्प एक्सप्रेस वे के तहत अंडरपास बनाकर कनेक्टिविटी दी जा सकती है। दोनों विकल्पों पर मंथन चल रहा है।