हरियाणा: करीब एक साल से बंद पड़े गुरुग्राम पटौदी रेवाड़ी एक्सप्रेसवे के काम को दोबारा शुरु करने की हरी झंडी मिल गई है । अब जल्द ही इस बंद पड़े इस एक्सप्रेसवे पर दोबारा से काम शुरु कर दिया जाएगा ।
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सुप्रीम कोर्ट ने अब NHAI को पेड़ लगाने लिए भूमि की पहचान करने के आदेश देते हुए एक्सप्रेसवे का काम दोबारा शुरु करने की अनुमति दे दी है । साथ ही नए पेड़ लगाने के लिए भूमि की पहचान करने के लिए पर्यावरणविदों की भी सहमति लेने के निर्देश दिए गए हैं ।
2022 में इस परियोजना पर एनजीटी द्वारा ये कहते हुए रोक लगा दी कि यहां से 300 किलोमीटर दूर लगाए जाने वाले पेड़ों से यहां की क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती ।
बता दे कि गुरुग्राम रेवाड़ी पटौदी को जोड़ने वाली चार लेन वाली 43 किलोमीटर लंबी राजमार्ग परियोजना को चौड़ा करने का काम जुलाई 2020 में शुरू हुआ था । इस परियोजना को पूरा करने के लिए 18000 पेड़ों की अनुमति के बाद कटाई की गई और इसके बदले यहां से 300 किलोमीटर दूर पंचुकला में नए पेड़ लगाने की बात कही थी।
2 सितंबर 2022 को जारी अपने आदेश में एनजीटी ने कहा कि जिस जगह से पेड़ काटे गए हैं उसके 10 किमी के दायरे में वनीकरण वन मंजूरी के अधीन है । वन विभाग के अनुमोदन के अधीन इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त भूमि खोजने की जिम्मेदारी पीपी (परियोजना प्रस्तावक) की होगी ।
ऐसे मिली अनुमति: इसके खिलाफ NHAI ने इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसमें गुरुग्राम में पौधा लगाने के लिए जमीन की कमी का हवाला दिया गया । छह अप्रैल को सुनवाई की और शुक्रवार को आदेश आया । शीर्ष अदालत ने हरियाणा सरकार को वृक्षारोपण करने से पहले मामले में NHAI और प्रतिवादियों (पर्यावरणविदों) दोनों की सहमति लेने का भी निर्देश दिया ।
NHAI के अनुसार, गुरुग्राम डिवीजन में 36.14 हेक्टेयर के लिए वन मंजूरी दी गई थी जिसमें 8,373 पेड़ और 3,948 पौधे शामिल हैं । रेवाड़ी संभाग में 10.94 हेक्टेयर को साफ़ करने की मंजूरी थी । जिसमें 4,049 पेड़, 4,137 पौधे शामिल हैं ।