हरियाणा इस गांव में इस बार भी नहीं मनी Holi , वजय जानकर उड जाएंगे होश

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कुछ शरारत्ती तत्वो की वजह से आज भी लोग होली पर्व से व्रजित
हरियाणा: पूरे देश में होली का त्योहारबड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। सभी एक-दूसरे को रंग लगाकर होली का शुभकामनाएं दे रहे हैं। कई डीजे पर तो कई ढोलक की थाप पर लोग झूम रहे है।

लेकिन हरियाणा के कैथल जिले में एक गांव ऐसा है जहां लोग 5 या 10 नहीं बलिक 300 सालो से होली नही मनाते है। अगर कोई साहस करता है उसे बुर्जग लोग श्राप की याद दिलाकर चुप करवा देते है।Haryana Police Job: इतने अभ्य​र्थियो की नियुक्ति पर रोक, जानिए क्या है वजह?

 

कैथल गांव दुसेरपुर में लोग 300 साल से होली नहीं मनाते हैं। गांव में त्योहार न मनाने का कारण होली के दिन एक साधु का श्राप बताया जाता है। होली मनाने से गांव में किसी अनहोनी आशंका है। बस इसी भय के चलते यह परंपरा चली आती है।

जानिए क्यो है ऐसा:
लोगों ने मिलकर होलिका दहन के लिए सूखी लकड़ियां, उपले और अन्य समान एक जगह इकट्ठा कर रखा था। होलिका दहन के तय समय से पहले गांव के ही कुछ युवाओं को शरारत सूझी और वे समय से पहले ही होलिका दहन करने लगे। युवाओं को ऐसा करते देख वहां मौजूद बाबा रामस्नेही ने उन्हें रोकना चाहा।

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मजाक उठाया ओर ​कर दिया दहन: युवकों ने बाबा की बात नहीं सुनी ओर बाबा का मजाक उड़ाते हुए समय से पहले ही होलिका दहन कर दिया। इसके बाद बाबा को गुस्सा आया और उन्होंने जलती होली में छलांग लगा दी। तभी होलिका में जलते-जलते बाबा ने ग्रामीणों को श्राप भी दे दिया।

बाबा ने दिया श्राप: बाबा ने श्राप देते हुए कहा कि आज के बाद इस गांव में होली का त्योहार नहीं मनाया जाएगा। अगर किसी ने होली का पर्व मनाने की हिम्मत की तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसके बाद से आज तक इस गांव में कभी होली नहीं मनाई गई।

क्या है उपाय: बाबा ने श्राप के साथ उपाय भी बताया। होली के दिन गांव में कोई गाय बछड़ा दे या किसी परिवार में लड़का पैदा हो तो अनहोनी का भय खत्म हो जाएगा। पर अब तक होली के दिन न तो किसी गाय ने बछड़ा जन्मा और न ही किसी परिवार में बेटा पैदा हुआ। 300 साल से गांव मे कोई होली दहन नहीं हुआ है।