Haryana News: सोसायटी में हुआ 300 करोड का घोटाला: जांच में हुआ खुलासा, अब 8 सदस्यों पर गिरेगी गाज

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हरियाणा: हरियाणा के गठन से पहले धारूहेडा मे गठित की गई सोसायटी मे करोडो रूपए का गोलमाल कर दिया गया है। हाईलेवल कमेटी ने जब जांच की तो उनके होश उड गए। सहकारी समिति विभाग के 3 निरीक्षक के साथ ही नियम विरुद्ध सदस्य बनाए गए 5 लोगों पर भी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है तथा कमेटी की ओर से रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई है।

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65 साल पहले बनी थी कमेटी: 1957 में में दी गुड़गांव अनुसूचित जाति एवं विमुक्त जाति सहकारी एग्रीकल्चर थ्रिप्ट एंड क्रेडिट सोसायटी बनाई गई थी। इस कमेटी में हरीनगर धारूहेड़ा में 300 करोड़ से अधिक की संपत्ति को खुर्द-बुर्द कर करोड़ों का मुनाफा कमाने की शिकायतों मिली। उसके जांच के बाद इस घोटाले का पता चला।
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2.5 एकड़ जमीन बेची: 3 मार्च 2020 को बैठक की तथा जमीन की रजिस्ट्री का प्रस्ताव पास कर दिया। हैरानी की बात है कि 3 दिन बाद ही 6 मार्च 2020 को 19 कनाल 12 मरला (करीब 2.50 एकड़) जमीन की रजिस्ट्री करा भी दी गई। इसके अतिरिक्त प्रशासक मंडल ने 12 जनवरी 2021 को 6 नए सदस्य बनाकर उनके नाम रजिस्ट्री का प्रस्ताव पास कर दिया।
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इन पर होगी कार्रवाई:

सोसायटी का प्रबंधक मंडल चलाता था, जिस पर अधिकारियों ने प्रशासक मंडल नियुक्त कर दिया। इसमें सहकारी समिति निरीक्षक अनिल कुमार, निरीक्षक नगेंद्र कुमार व निरीक्षक भूपेंद्र यादव शामिल थे। इनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके अलावा धर्मेंद्र मोरवाल, राजकुमार, अशोक कुमार, कमल सिंह व खेमराज सिंह को सदस्य बनाना सवालों में है। इनके खिलाफ एक्शन लेने के लिए मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गई।

नियम ताक पर रख बनाए नए सदस्य

राव इंद्रजीत सिंह विचार मंच के संयोजक प्रवीण राव बॉबी व सोसायटी के पूर्व प्रधान रामचंद्र ने गंभीर आरोप लगाए थे। रामचंद्र के अनुसार वर्ष 1957 में यह सोसायटी गठित हुई थी।

12 जून 2022 को प्रबंधक कमेटी का चुनाव हरियाणा सहकारी अधिनियम 1984 की धारा 28 के अंतर्गत जान बूझकर गैर कानूनी ढंग से और अपने फायदे के लिए कुछ लोगों से साजबाज होकर कराया गया है। आम सभा के सदस्यों की सूची में 26 सदस्य दर्शाएं हैं, उनमें 8, 9, 13, 14 व 18 ही जीवित हैं तथा 21 से 26 समिति के सदस्य ही नहीं