हरियाणा: कोरोना वायरस से लड़ने वाली वैक्सीन जल्द ही नाक के माध्यम से भी दी जा सकेगी। वैज्ञानिकों ने नेजल स्प्रे एजिलास्टिन का आविष्कार किया है जिसका एनिमल ट्रायल पूरा हो चुका हैं
पोलियो की रोकथाम के लिए दो बूंद! अब कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ.7 से बचाव के लिए इनकोवैक इंट्रानेजल की आठ बूंद ही काफी होंगी। पीजीआईएमएस रोहतक(हरियाणा) में इसके तीसरे फेज का 140 लोगों पर ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है।Rewari News: सफाई कर्मचारियो को वितरित किया दैनिक उपयोग का सामान
ट्रायल हुआ पूरा: फिलहाल ट्रायल हो चुका हैं अगर कोई समस्या नहीं मिली और टीकाकरण की तरह ही नाक में डाली गई दवा संक्रमण से लड़ने में मददगार साबित हो रही है। जल्द ही यह आमजन के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
इस उम्र केलिए होगी उपयोगी: भारत बॉयोटैक की इनकोवैक इंट्रानेजल आने वाले दिनों में कोरोना की महामारी से बचाएगी। यह 18 से अधिक आयु वालों के लिए उपलब्ध रहेगी। इसे पहली व दूसरी डोज के रूप में प्रयोग करने के साथ बूस्टर डोज में भी प्रयोग किया जा सकता है। इसकी डोज चार सप्ताह में दो बार दी जाएगी, इसमें दोनों नाक में चार-चार बूंद डाली जाएगी।
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इसकी कुल मात्रा 0.5 एमएल रहेगी। इसमें खास होगा कि यह दर्द रहित रहेगा। दवा के लिए खास होगा कि इसे दो से आठ डिग्री के तापमान में रखा जा सकेगा। इसका प्रयोग देश के स्वास्थ्य विभाग के लिए हर जगह आसान होगा। क्योंकि यहां अन्य दवाओं व वैक्सीन की तरह इस तापमान में रखी जा सकेंगी।
गौरतलब है कि इनकोवैक इंट्रानेजल के तीसरे फेज के ह्यूमन ट्रायल में पीजीआईएमएस रोहतक से डॉ. सिविता वर्मा प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर, डॉ. ध्रुव चौधरी व डॉ. रमेश वर्मा सह इंवेस्टिगेट हैं।
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बोले एक्सपर्ट-ट्रायल के पांच माह हो चुके पूरे
इनकोवैक इंट्रानेजल ड्रॉप के ट्रायल के पांच माह पीजीआईएमएस में पूरे हो चुके हैं। हर माह वॉलंटियरों का ब्लड सैंपल लिया गया है। इसमें पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला है। अब फोन पर सभी से बात करनी है। अभी तक किसी को कोई समस्या नहीं मिली है।
इनकोवैक इंट्रानेजल ड्रॉप चीन व भारत में दी जाने वाली लाइव वैक्सीन है। देश में 3100 पर तीसरे फेज का ट्रायल किया गया है। सितंबर 2022 में इसे आपात स्थिति के लिए सर्टिफिकेट दिया गया था। यह दिसंबर 2022 में ओपन हुआ है। यह देश में उपलब्ध होगा और लोगों को कोरोना के नए वैरिएंट से बचाएगा, यह सुरक्षित है।