हरियाणा: करौधा कांड को लेकर करीब 16 चले केस बाद आखिरकार सतलोक आश्रम करौथा के संचालक रामपाल सहित 38 लोगो बरी हो गए है। अदालत से बरी होने की सूचना मिलते ही उनके अनुयायियो की ओर से जश्न मनाना जा रहा है। खुशी के चलत आतिशबाजी की जा रही है।
Bajaj ने लॉन्च की बेहद सस्ती Bike , कीमत महज इतनी, वो इतने फीचर के साथबता दे कि रोहतक के करौथा मामले में 12 July 2006 को एक मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके तहत 13 जुलाई 2006 को सतलोक आश्रम करौथा के संचालक रामपाल सहित 38 लोगो को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट में चले केस के तहत अब रामपाल सहित 24 लोगों को चश्मदीद गवाह के अभाव में बरी कर दिया गया है।
इन लोगो के खिलाफ किया था मामला दर्ज
बता दें कि करौथा कांड मामले 38 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमें से 5 लोगों सतीश, कृष्ण, धर्मेंद्र, महेंद्र, हवासिंह की मौत हो चुकी है, जबकि 6 आरोपी मुकेश, प्रेम, रविंद्र, सुरेंद्र, और आजाद को भगोड़ा घोषित किया गया था।
इसके अलावा रामपाल सहित 27 आरोपियों को Tuesday को कोर्ट ने फैसला सुनाने के बाद 24 लोगों को बरी कर दिया। जबकि 3 लोगों सुनील, देवेंद्र, कृष्णकांत को आर्म्स एक्ट के तहत 2- 2 साल की सजा सुनाई गई, क्योंकि इन तीनों के पास दूसरे व्यक्ति का लाइसेंसी असलाह मिला है।
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रामपाल सहित 27 लोगों को Court ने किया बरी
करौथा हत्याकांड में कुल 62 लोगों को चोटे आई थी, जिसमें एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई। इस हत्याकांड के दौरान सदर थाने में रामपाल सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ धारा 148, 149, 302, 307 और 323 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
सुनाया फैसला: रामपाल सहित विजेंद्र, विजय, मनोज, सूरजमल, अनिल कुमार, जगबीर, हरजीत, जसवीर, सहित कुल 24 लोगों को चश्मदीद गवाह ना मिलने के कारण बरी कर दिया।
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नहीं मिला कोई मामले का चश्मदीद गवाह
JK गक्खड ने बताया कि इस मामले में किसी भी व्यक्ति ने गवाही के दौरान यह नहीं कहा कि सोनू की मौत रामपाल या उनके किस अन्य साथी की गोली चलने से हुई थी। रामपाल ने बंदी छोड़ भक्ति मुक्ति ट्रस्ट ने गांव करौथा में सतलोक आश्रम खोला था जिस वजह से आर्यसमाजियो और आसपास के ग्रामीणों में विरोध शुरू हो गया।
यह विरोध इतना बढ़ गया कि फायरिंग तक की नौबत आ गई। इस टकराव के दौरान कुल 62 लोग घायल हो गए थे। जिस वजह से पुलिस ने रामपाल सहित अन्य कई लोगों को हिरासत में ले लिया था।