RTI पैडिंग रखने वालो पर गिरेजी गाज, सूचना आयोग ने दिया ये आदेश-Best24news
हरियाणा : डीडीपीओ एचपी बंसल ने सचिवों को यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह पेंडिंग आरटीआई के केसों का तत्काल निपटारा करें। आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले लोगों को सही और समय पर जानकारी उपलब्ध कराएं। ऐसा नहीं करने वाले ग्राम सचिवों पर जुर्माना लगाकर राशि उनके वेतन से काट ली जाएगी।
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सूचना आयोग की सख्ती के बाद डीडीपीओ ने जिले के सभी ग्राम सचिवों की बैठक बुलाकर उन्हें निर्देश दिए हैं कि वह लोगों को सूचना उपलब्ध कराने में देरी नहीं करें। ग्राम पंचायतों में होने वाले विकासकार्यों की जानकारी के लिए आरटीआई से मांगी जाने वाली सूचना का जवाब देने में ग्राम सचिव या तो आनाकानी करते हैं या फिर आधी-अधूरी जानकारी देते हैं। अपील पर अपील होने के बाद राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त तक पहुंच जाता है।
ऐसा करने वाले ग्राम सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ग्राम सचिव गांवों में होने वाले विकासकार्यों को लेकर मांगी जाने वाली सूचनाओं का जवाब में लगातार देरी करते हैं। सूत्रों के अनुसार जिन ग्राम सचिवों का हिसाब-किताब साफ होता है और विकासकार्यों में गोलमाल नहीं होता, वह संबंधित आरटीआई का जवाब देने में देरी नहीं करते। जिन ग्राम सचिवों को गोलमाल का खुलासा होने की आशंका होती है, वह आरटीआई का जवाब देने में या तो देरी करते हैं या फिर उनका जवाब गोलमोल होता है।
आरटीआई से सूचना मांगने वाले अधिकांश लोग संतुष्ट नहीं हो पाते। बार-बार अपीलों के बाद मामला आयोग तक पहुंच जाता है। इसके बाद आयोग आरटीआई में देरी करने या गोलमोल जवाब देने वाले संबंधित अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाता है।
जिन ग्राम सचिवों का रिकार्ड साफ-सुथरा होता है, उन्हें आरटीआई का जवाब देने में कोई संकोच नहीं होता। रिकार्ड में गड़बड़ी वाले ग्राम सचिव आरटीआई से मांगी जाने वाली सूचना का जवाब समय पर देने से बचते हैं। जिले में इस समय 82 ग्राम सचिव हैं। इनके पास चार से पांच गांवों तक का चार्ज होता है। ग्राम सचिवों के माध्यम से ही पंचायतों के विकासकार्य होते हैं, जिस कारण विकासकार्यों में होने वाले भ्रष्टाचार के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जाता है।
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आरटीआई के नाम पर सौदेबाजी: कुछ लोगों के लिए सूचना के अधिकार का कानून अफसरों को ब्लैकमेल करने का जरिया भी साबित हो रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो आरटीआई से जवाब मांगकर अधिकारियों को ब्लैकमेल करने से भी बाज नहीं आते। ईमानदार अधिकारी इस तरह के आरटीआई एक्टिविस्ट के दबाव में नहीं आते, जबकि भ्रष्टाचार में लिप्त अफसर सौदेबाजी से जरिए आरटीआई मांगने वाले व्यक्ति को मनाने पर जोर देते हैं। आरटीआई मांगने वाला व्यक्ति जब सहमत हो जाता है, तो उसका जवाब गोलमोल तरीके से देकर पीछा छुड़ा लिया जाता है।
कई मामलों में अधूरी जानकारी मिलने वाले लोग संतुष्ट नहीं हो पाते। सूचना आयोग मामले में गंभीर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली सूचनाओं की जानकारी में देरी करने पर राज्य सूचना आयोग ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया गया है। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस कार्य में देरी करने वाले अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर सही सूचना देने के लिए आदेश जारी करें। सूत्रों के अनुसार पंचायत विभाग में आरटीआई के कार्य में देरी करने वाले ग्राम सचिवों को डीडीपीओ हरिप्रकाश बंसल ने कड़ी फटकार लगाई है।
ग्राम सचिवों को यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह पेंडिंग आरटीआई के केसों का तत्काल निपटारा करें। आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले लोगों को सही और समय पर जानकारी उपलब्ध कराएं। ऐसा नहीं करने वाले ग्राम सचिवों पर जुर्माना लगाकर राशि उनके वेतन से काट ली जाएगी। -एचपी बंसल, डीडीपीओ।