National News: दो साल में ऐसे बना ‘करोडपति’, अब पहुंचा ‘सलाखों’ में

FRAUD

किराए पर लेकर लग्जरी गाडियां बेचने वाला गुजरात में पकडा. यू चढा हत्थे
टेक्सिडों कंपनी में किराए पर लेकर करीब 48 करोड में बेची गाडिया
नई दिल्ली: टेक्सिडों कंपनी में किराए पर लेकर 200 से अधिक लग्जरी गाड़ियों को 48 करोड़ में बेचने वाले मास्टर माइंड वरुण बंसल को गुजरात से काबू किया है। आरोपी गुजरात के बड़ोदा में भेस बदल कर ठेले पर समोसे बेच रहा था। आरोपी को तीन दिन रिमांड पर लिया है। आरोपी इसी के चलते महज दो साल में  ‘करोडपति’, बन गया है।

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यह है मामला: 17 फरवरी 2022 को राजा पारोछिया ने पिपलानी थाना और अन्य 54 लोगों ने एमपी नगर में अलग-अलग शिकायती आवेदन दिया। इसमें उन्होंने बताया कि टेक्सिडो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के रविकांत विश्वकर्मा, वरुण उर्फ राहुल बंसल, सतेन्द्र भदौरिया और राहुल शर्मा ने किराएदारी अनुबंध कर वाहन किराए पर लिए थे।

उन्होंने किराया का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। वहीं, उनकी गाड़ियों को धोखाधड़ी करके दूसरों को बेच दिया गया है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। आरोपी वरूण स्वयं शातिर था, सारी कागजात कारर्वाइ अपने कर्मचारी रविकांश विश्वकर्मा, राहुल परमार के नाम से करता था।

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दो साथी पहले काबू: इस फर्म से जुडे दो आरोपियो को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया। वरुण उर्फ राहुल फरार चल रहा था। उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया था। ऑफिस बंद कर दिया था। किराए का मकान भी छोड़ दिया था। उसने एमबीबीएस कर रही बहन को 1.25 लाख रुपये का आई-फोन मोबाईल भी खरीद कर दिया था, जिसके सीडीआर में बी पार्टी के एनालिसिस से एक नम्बर पुलिस को ऐसा मिला जो वरूण बंसल की बहन एवं प्रकरण के अन्य संबंधित लोगों से लगातार बातचीत कर रहा था ।

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यू चढा हत्थे: जिससे इस नम्बर पर आरोपी के ही बात करने का शक हुआ। पुलिस ने उसकी लोकेशन पर आरोपी की पहचान की और दबोच लिया। आरोपी अपने माता -पिता दादी के साथ मिलकर 3 माह से गुजरात के बड़ोदा में किराए के मकान में रह रहा था। वह समौसे/पेठे (पुश्तैनी व्यापार) ठेला लगा रहा था।

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उसने नया नम्बर भी ले लिया था तथा भगत हलवाई नाम से गोमास्ता लेकर व्यापार कर रहा था। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने पैसे बहन की पढ़ाई और अपने शौक पर उड़ा दिए। आरोपी ने दो साल में दो कंपनी बना कर करोड़ों रुपए कमाए। आरोपी की पत्नी उसकी धोखाधड़ी से परेशान होकर अपने दो बच्चों के साथ मायके में रह रही है।

पत्नी और बहन को बनाया डॉयरेक्टर

वर्ष 2019 में आरोपी की सबसे पहले राहुल टूर एंड ट्रेवल्स नाम से कंपनी थी, जिसमें इंदौर से भोपाल चलवाता था। फिर 2020 में टेक्सिडो प्राईवेट लिमि.बनाई। जिसमें पत्नी एवं बहन को डायरेक्टर बनाया। जोन 01 एम.पी. नगर में मल्टीलेवल पार्किंग के सामने ऑफिस किराये से लिया था। वर्ष 2021 में कंपनी का टर्न ओव्हर ज्यादा हो जाने से टैक्स बचाने के लिये वर्ष 2021 में एक ओर कंपनी टेक्सिडो कार्स नाम से बनवाई। इसमें डायरेक्टर राहुल शर्मा को रखा था।

दो साथी पहले ही गिरफ्तार

पुलिस ने दो आरोपी 31 वर्षीय रविकांत विश्वकर्मा पिता इमरत सिंह विश्वकर्मा कोटरा सुल्तानाबाद को 21 फरवरी को गिरफ्तार किया। इसके बाद 23 मई को दूसरे आरोपी भिंड निवासी सतेन्द्र भदौरिया को गिरफ्तार किया। राहुल शर्मा भोपाल अभी फरार है। वहीं, 3 जून को कोलार निवासी वरुण उर्फ राहुल बंसल को गुजरात से गिरफ्तार किया।

वीआइपी लोगों को बेचे वाहन

आरोपी ने टेक्सिडों इंडिया प्रा.लि. में सभी लक्सरी गाडिया किराए से ली थी, जिन्हें भिण्ड, मुरैना, शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर के लोगों को एग्रीमेन्ट करके देता था । वाहन उस क्षेत्र के प्रभावशाली नेताओं/अधिकारियों को देता था। जिनसे प्रति वाहन 5-6 लाख रुपये एडवांस लेकर उनसे एग्रीमेन्ट करता था। इन रुपयों को भोपाल के गुलमोहर क्षेत्र के बर्तन, दवा, मिठाई व्यापारियों को ब्याज पर देता था। 9 लाख 4 माह के लिए देने पर प्रतिदिन 10000 रुपये के हिसाब से वापसी लेता था, जिसमें 3 माह में मूल रकम तथा 4 माह में ब्याज की रकम वापस आती थी। इसके बदले व्यापारियों से चैक और लिखा पढ़ी कर लेता था।

अय्याशी में ग्वालियर का घर बिक गया
आरोपी स्वयं 12 वीं तक पढ़ा है किन्तु बहन को MBBS की पढ़ाई करवाई है। पिताजी की ग्वालियर में 1969 से काफी प्रसिद्ध संस्थान पंछी पेठा नाम से दुकान थी, जिसका काफी अच्छा व्यवसाय था। आसपास के क्षेत्र में दुकान का काफी नाम था। वरूण शुरू से ही गाड़ियों का शौकिन रहा है।

बार बार बदलता था गाडी: तीन- चार महीनें में ही अपनी चार पहिया वाहन बदल लेता था। इकलौता पुत्र होने और व्यापार अच्छा होने के कारण पिता भी इसकी सभी इच्छाएं पूरी करते थे। परन्तु जब वरुण ने व्यवसाय संभाला तो अपनी शौकीन मिजाज के कारण व्यापार बैठता गया और ग्वालियर के फालिका बाजार स्थित 12000/- स्क्वेयर फिट का मकान 5 करोड़ रुपये के कर्जे में फंसकर पी.एन.बी. बैंक ने नीलाम कर दिया, फिर परिवार किराये के मकान में आ गया।

इंदौर से भोपाल पहुंचा
इसके बाद वरूण की संगत ग्वालियर के अपराधी पेशे के लोगों से हुई, जिससे उसने व्यापार के लिये ब्याज पर काफी पैसा ले लिया, जिसे चुकाने के लिये वर्ष 2018 में वरूण इंदौर चला गया। वहां भी पुश्तैनी व्यापार पेठा विक्रय करने का काम किया, किन्तु इंदरगंज थाना ग्वालियर में एक 420 के मामले में पकड़े जाने पर वह व्यवसाय भी ठप्प हो गया।

फिर यह भोपाल आ गया, जहां होशंगाबाद रोड स्थित गोल्डन वैली कॉलोनी में किराये से मकान लेकर टैक्सी का व्यापार किया, जो अच्छा चल निकला। शुरूआत में 50 गाड़ियों से प्रारंभ कारोबार 200 गाड़ियों तक पहुंच गया तथा और लालच के चक्कर में वाहनों को आगे एग्रीमेन्ट में प्रभावशाली व्यक्तियों को देकर उनसे एक मुश्त रुपये लेकर ब्याज पर व्यापरियों को दिया।