यूपी: यूपी चुनाव को लेकर हर पार्टी के लिए अपने अपने प्रयास किए जा रहे हैं कोई टिकट देकर जाति के आधार पर वोट बैंक मे सेंध लगा रहा है तो कोई विरादरी के नेताओ को लुभाने का प्रयास कर रहा है। इसी के चलते पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाट बिरादरी को भाजपा के पक्ष में साधने के लिए दिल्ली से प्रयास तेज हो गए हैं। दिल्ली में भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा के घर पर मीटिंग चल रही है, जिसमें यूपी के 253 जाट नेताओें को मीटिंग के लिए बुलाया गया है। इस बैठक का नजारा बेहद दिलचस्प नजर आ रहा है। इस बैठक में अमित शाह जाट नेताओं से मुलाकात करेंगे। संजीव बालियान, कैप्टन अभिमन्यु जैसे नेताओं को भी यहां बुलाया गया है। यही नहीं भाजपा और बिरादरी के नेताओं का मुंह मीठा कराने के लिए मेरठ का गुड़ भी बैठक में रखा गया है। जाट नेताओं के अलावा भाजपा के पश्चिम यूपी के कई विधायक भी पहुंच रहे हैं। इनमें सुरेश राणा भी शामिल हैं।
लोगो की लेंगे राय: इस मीटिंग में अमित शाह भाजपा के नेताओं और जाट बिरादरी के लोगों की राय लेंगे। उसके बाद अपना संबोधन देंगे। मीटिंग में मौजूद जाट नेताओं ने जाट एकता जिंदाबाद और जाट देवता जिंदाबाद के नारे लगाए। मीटिंग में जाट महासभा के अध्यक्ष सुभाष चौधरी भी पहुंचे हैं। मीटिंग में पहुंचे संजीव बालियान ने मी़डिया से बात करते हुए कहा कि जाट समुदाय हमेशा ही भाजपा के साथ रहा है। इस बैठक में भाजपा ने पश्चिम यूपी से जिलावार जाट नेताओं को बुलाया गया है। बुलंदशहर से अंतुल तेवतिया, मेरठ से अमन सिंह, मेरठ से अमन सिंह और सुरेंद्र मलिक, नोएडा से अमित चौधरी पहुंचे हैं।
इस बैठक में मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फनगर जैसे पश्चिम यूपी के जिलों के अलावा ब्रज क्षेत्र के जाट नेताओं को भी बुलाया गया है। सूत्रों का कहना है कि जाट नेताओं के साथ मीटिंग में अमित शाह कानून व्यवस्था का मुद्दा उठा सकते हैं। किस तरह से योगी सरकार के 5 सालों में कोई दंगा नहीं हुआ है और किस तरह से कानून व्यवस्था को बनाए रखा गया है, यह संदेश दिया जा सकता है। अमित शाह ने पश्चिम यूपी में अपने प्रचार अभियान की शुरुआत कैरैना से ही की थी, जो पलायन के चलते चर्चा में रहा था। इससे समझा जा सकता है कि सपा और रालोद की कोशिशों पर पानी फेरने के लिए भाजपा किस हद तक सक्रिय है। बता दें कि जाट और मुस्लिम समुदाय की एकता के नाम पर सपा और रालोद चुनाव में उतरे हैं।