हरियाणा: भले ही भाजपा रिश्चत खोरो पर लगाम कसने के दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत यही है कि पटवारी, गिरदावर, रजिस्ट्री क्लर्क के साथ तहसीलदार इंतकाल व रजिस्ट्री के नाम पर जनता को खूब लूट रहे है। कई बार शिकायते हुई है, लेकिन कुछ दिन बाद मामले को दबा दिया जाता है। अभी हाल मे एक ओर मामला सामने आया है। फतेहाबाद के रतिया में जमीन रजिस्ट्री धांधली को लेकर सीएम विंडो पर दी गई शिकायत में उस पर महिला के नाम प्रॉपर्टी के इंतकाल के लिए 1 लाख रुपए मांगने का आरोप लगा है। खास बात है कि इसमें लिखा गया है कि तहसीलदार ने रुपए मांगते हुए कहा कि रिश्वत के रुपए डीसी को भी देने पड़ते हैं। इस शिकायत पर अधिकारी कार्रवाई को बच रहे हैं।
भूना के वार्ड 9 निवासी राजेश ने दिसंबर 2021 में सीएम विंडो पर शिकायत देकर बताया कि 7 जुलाई 2020 को उनके पिता दलीप सिंह ने जुबानी वसीयत उनकी माता चरणकौर के नाम कर दी थी। इसके बाद 30 जुलाई को उनका निधन हो गया। पिता की प्रॉपर्टी के सभी 6 वारिसों ने बयान हल्फिया दे दिया था कि इंतकाल उनकी माता चरणकौर के नाम कर दिया जाए, जिसमें उन्हें ऐतराज नहीं है।
कई चक्कर कटाए, फिर मांगी रिश्वत:
राजेश का कहना है कि वह इसको लेकर पहले नायब तहसीलदार भजन लाल से वसीयत इंतकाल दर्ज करने बारे मिला। पहले तो वे इंतकाल करने से आनाकानी करने लगे। फिर जब दो-तीन दफा उनसे मिलने गया तो उससे नायब तहसीलदार ने इंतकाल के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांगनी शुरू कर दी।
डीसी का भी नाम लिया:
शिकायतकर्ता राजेश ने सीएम विंडो पर दी शिकायत में साफ लिखा है कि नायब तहसीलदार भजनलाल ने उससे एक लाख रुपए मांगते समय यह भी कहा कि डीसी को भी उसे रुपए देने पड़ते हैं। इसलिए बिना रुपए दिए उसका काम नहीं होने वाला। राजेश ने आरोपी के खिलाफ उच्चाधिकारी से जांच करवाकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
फरार है भजनलाल:
बता दें कि नायब तहसीलदार भजनलाल को रतिया में जमीन रजिस्ट्री धांधली के बहुचर्चित मामले में फतेहाबाद विजिलेंस तलाश कर रही है। वह करीब एक महीने से फरार है। रतिया में पूर्व एसडीएम की पत्नी और पूर्व पुलिस कर्मचारी की पत्नी के नाम खरीदी गई जमीन के मामले में बड़े स्तर पर धांधली की गई। विजिलेंस ने इस मामले में पूर्व एसडीएम, उनकी पत्नी, पूर्व पुलिस कर्मी और उसकी पत्नी, नायब तहसीलदार, पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप मामला दर्ज किया था।