रेवाड़ी : निजी स्कूलों और सरकार के बीच नियम-134ए के दाखिलों को लेकर चल रहे टकराव के कारण बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से दाखिलों की तारीख सात जनवरी तक बढ़ा दी गई है, लेकिन कोरोना महामारी के नए वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन की तरफ से स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
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ऐसे में इन बच्चों का दाखिला नहीं होने के कारण भविष्य दांव पर लग गया है। मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से 134 एक तहत निजी स्कूलों में दाखिलों को लेकर जारी की गई पहली सूची में जिले के 2,151 विद्यार्थी शामिल थे, लेकिन निजी स्कूलों की हठधर्मिता के चलते 31 दिसंबर तक विभागीय आंकड़ों के अनुसार महज 524 बच्चों के ही दाखिले हो पाए हैं। बच्चे स्कूलों से कटवा चुके हैं एसएलसी नियम-134ए के तहत दाखिलों को लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय की तरफ से पहली सूची जारी करने के बाद काफी बच्चे पहले वाले स्कूलों से एसएलसी (स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र) कटवा चुके हैं।
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ऐसे में न तो वह पहले वाले स्कूलों में बैठ सकते हैं और न ही जो स्कूल अलाट हुए है, वहां पर दाखिला हो पाया है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार एक बार किसी स्कूल से एसएलसी कटवाने के बाद दोबारा उसमें दाखिले के लिए विभागीय प्रक्रिया का फालोअप करना पड़ता है। स्कूल से एसएलसी कटने के बाद बच्चा एमआइएस पोर्टल पर आनलाइन रिकार्ड से बाहर हो जाता है। उस बच्चे को किसी अन्य स्कूल के माध्यम से एमआइएस पोर्टल पर अपना दाखिला अपडेट कराना पड़ेगा और उसके नाम से ही एसएलसी कटवानी पड़ेगी। उसके पश्चात ही उसका पहले वाले स्कूल में दाखिला हो पाएगा।
ऐसे में जो बच्चे एसएलसी कटवा चुके हैं, उनके सामने दुविधा खड़ी हो गई है, क्योंकि इस सत्र को समाप्त होने में करीब दो माह का समय बचा हुआ है। नए स्कूलों दाखिले के लिए बच्चों को दो माह के लिए मोटी फीस चुकानी पड़ेगी अन्यथा उनका पूरा साल खराब हो जाएगा।