रेवाड़ी: शैक्षणिक सत्र के बीच में शुरू हुई नियम 134ए की दाखिला प्रक्रिया का गुरुवार को भी समाधान नहीं हो पाया है। नियम 134ए के तहत जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के दाखिलों को लेकर सरकार और निजी स्कूलों के बीच चल रहा टकराव से बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। निजी स्कूलों के संचालकों के साथ बृहस्पतिवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक भी बिना किसी निर्णय के ही संपन्न हो गई।
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45 स्कूल संचालको ने किया इंकार: विभागीय अधिकारी बच्चों के भविष्य में निजी स्कूल स्कूलों को दाखिले का आग्रह करते रहे, वहीं निजी स्कूल संचालक बैठक में पिछले वर्षों की बकाया फीस देने की शर्त पर अड़े रहे। इसके पश्चात शिक्षा विभाग ने दाखिला नहीं देने वाले 45 स्कूलों की सूची मौलिक शिक्षा निदेशालय को भेज दी है।
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पिछले वर्षो की बकाया फीस पर अडे संचालक: डीईओ कार्यालय में जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार की ओर से दाखिला नहीं देने वाले निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक की गई। इसमें विभागीय अधिकारियों ने नियमानुसार निजी स्कूल संचालकों से बच्चों का दाखिला करने का आग्रह किया, लेकिन निजी स्कूल संचालक पिछले वर्षों की बकाया फीस देने पर अड़े रहे। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि निजी स्कूल नियमानुसार बकाया फीस के लिए आवेदन करें, जिसे विभाग से पास कराने की में उनकी मदद की जाएगी, लेकिन निजी स्कूल संचालक बकाया फीस नहीं देने तक दाखिला नहीं देने पर अड़े रहे। इसके पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी ने खंड अनुसार प्राप्त हुई दाखिला नहीं देने वाले 45 स्कूलों की सूची मौलिक शिक्षा निदेशालय को भेज दी गई है। वहीं बैठक में उपस्थित केवल चार स्कूलों ने दाखिले के लिए अपनी सहमति दी।
निदेशालय को भेजी सूची: निदेशालय की तरफ से दाखिला नहीं देने वाले निजी स्कूलों की सूची मांगी गई थी, हमने अभिभावकों की तरफ से बीईओ को दी गई दाखिला नहीं देने वाले स्कूलों की सूची निदेशालय को भेज दी है। निदेशालय की तरफ से जो भी आदेश मिलेंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
राजेश कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी
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