हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज: पूरे प्रदेश में ओपीडी बंद रहेगी 13 को, जानिए क्यों

हरियाणा: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) एसोसिएशन और सरकार के बीच प्रस्तावित हड़ताल को लेकर गतिरोध बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के कड़े रवैये से आहत डॉक्टर हड़ताल करने पर अड़ गए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक 13 दिसंबर को पूरे प्रदेश में ओपीडी बंद रखी जाएंगी। अगर इस दिन मांगें पूरी नहीं की गईं तो 14 दिसंबर से डॉक्टर आपात सेवाएं और पोस्टमार्टम भी बंद कर देंगे। कोविड के बीच डॉक्टरों के अल्टीमेटम को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक डॉ. वीणा सिंह एसोसिएशन से लगातार संपर्क में हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा के स्तर पर बात बिगड़ने से अब डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल की सीधे स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ बैठक कराने की तैयारी चल रही है। चूंकि, सोमवार से हड़ताल प्रस्तावित है, इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि विज रविवार को डॉक्टरों को वार्ता के लिए बुला सकते हैं। अगर बात सिरे नहीं चढ़ी तो डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर जाएंगी। सामान्य डॉक्टरों के साथ ही 700 विशेषज्ञ डॉक्टर भी हड़ताल पर चले जाएंगे। जिससे ओपीडी, आपात सेवाओं में मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। पोस्टमार्टम बंद होने से शवदाह गृहों में पार्थिव शरीरों का अंबार लग जाएगा। इस स्थिति से बचने के लिए अब विज सीधे मोर्चा संभालने की तैयारी में हैं। वार्ता सिरे न चढ़ने पर सरकार हड़ताल में शामिल होने वाले डॉक्टरों पर नियमानुसार कार्रवाई करने के मूड में भी है। सचिव ने कहा, हड़ताल करो कोई फर्क नहीं पड़ता: परमार एसोसिएशन के राज्य प्रधान डॉ. जसबीर परमार ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव हड़ताल टालने के बजाय कराने के पक्ष में दिख रहे हैं। शुक्रवार देर शाम हुई वार्ता में उनका रवैया गैर जिम्मेदाराना रहा। एसोसिएशन उनके पास वार्ता के जरिये मामले को खत्म करने के लिए गई थी लेकिन उन्होंने सीधे ये कह दिया कि हड़ताल करो, कोई फर्क नहीं पड़ता। इससे डॉक्टरों में काफी रोष है। उन्होंने भविष्य में अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ कोई समझौता वार्ता न करने का फैसला लिया है। एसोसिएशन ने विशेषज्ञ कैडर के सृजन, स्नातकोत्तर नीति में संशोधन और एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक को लेकर हड़ताल की घोषणा की है। जिला मुख्यालयों पर हल्ला बोल प्रदर्शन करेंगे कर्मचारी: सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशव्यापी आंदोलन के आह्वान पर 12 दिसंबर को जिला मुख्यालयों पर हल्ला बोल प्रदर्शन किए जाएंगे। केंद्रीय कमेटी के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की जिलों में ड्यूटियां लगाई गई हैं। संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि छंटनीग्रस्त कर्मचारियों और पुरानी पेंशन की बहाली, लिपिक को पे-मैट्रिक्स लेवल-6 में 35,400 रुपये वेतन, ठेका प्रथा समाप्त करने, कच्चे कर्मियों को पक्का करने, समान काम-समान वेतन व सेवा सुरक्षा, खाली पड़े पदों को पक्की भर्ती से भरने इत्यादि मांगों को लेकर प्रदर्शन किए जाएंगे। भाजपा-जजपा के चुनाव घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मियों को पक्का करने और पंजाब के समान वेतनमान एवं पेंशन देने का वादा किया गया है। जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया। इसके विपरीत बिजली, जन स्वास्थ्य, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि जन सेवाओं का तेजी से निजीकरण किया जा रहा है। सरकार 16 महीने के डीए के एरियर का भुगतान नहीं कर रही। एचआरए स्लैब को बदलकर 9-16-24 नहीं किया जा रहा। पंजाब सरकार अपने पेंशनर्स की पेंशन 65 वर्ष की उम्र पूरी करने पर हर पांच साल बाद पांच प्रतिशत पेंशन में बढ़ोतरी कर रही है लेकिन हरियाणा में इसे लागू नहीं किया गया।