हरियाणा: प्रदेश में अब सब इंस्पेक्टर (SI) की बजाय इंस्पेक्टर ही थानों में थानाधिकारी होगें । पुलिस महानिदेशक (DGP) पीके अग्रवाल ने प्रदेश के गुरुग्राम, फरीदाबाद व पंचकूला के पुलिस कमिश्नर के अलावा सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिए है कि इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी को ही थानाधिकारी लगाए। हाल में प्रदेश के कई जिलों में इंस्पेक्टर होने के बावजूद सब इंस्पेक्टर को ही एसएचओ लगा रखा है। इसकी जानकारी डीजीपी के पास पहुंचने के बाद यह निर्णय लिया गया है
हरियाणा में 3 बड़े जिले गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला में पुलिस कमिश्नर कार्यरत हैं, अन्य सभी जिलों में SP तैनात हैं। सभी जिलों में इंस्पेक्टर को दरकिनार कर सब इंस्पेक्टर को SHO लगाया जा रहा है, क्योंकि थाना प्रभारी लगाने का निर्णय कमिश्नर या एसपी ही करते हैं। पुलिस महानिदेशक ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि कम रैंक वाले को एसएचओ लगाना ठीक नहीं है।
प्रदेश के 22 जिलों में पुलिस के 24 जिले है, इनमें हांसी हिसार और मानेसर गुरुग्राम जिले में आता है। इसके अलावा 322 पुलिस थाने हैं, इनमें 33 महिला थाने शामिल हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार हरियाणा के 40% पुलिस थानों में इंस्पेक्टर को दरकिनार कर सब इंस्पेक्टर को एसएचओ लगाया हुआ है। कुछ जिले तो ऐसे है, जिनमें इंस्पेक्टर पुलिस लाइन में ड्यूटी दे रहे हैं और सब इंस्पेक्टर थाना प्रभारी के रूप में काम कर रहे है। इसके पीछे कारण राजनीतिक प्रभाव भी रहता है। रसूख के बलबूते ही बहुत से सब इंस्पेक्टर एसएचओ लग जाते हैं। कई ऐसे बड़े थाने है, जिनमें इंस्पेक्टर की बजाय सब इंस्पेक्टर लगे हुए हैं।
पोस्टिंग को लेकर एसपी लेते हैं निर्णय इंस्पेक्टर व पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर पुलिस मुख्यालय से होता है। लेकिन उन्हें किस थाना या पुलिस चौकी में लगाना है, इसका निर्णय संबंधित जिले के एसपी तय करते है। इसलिए रसूखदार सब इंस्पेक्टर या इससे नीचे रैंक के पुलिस अधिकारी को भी थानों में एसएचओ लगा देते हैं।