अगर अवैध कालोनी है तो रजिस्ट्री क्यों, तहसीलदार व कालोनी काटने वालों पर कार्रवाई क्यों नहींं

बावल: जिला योजनाकार विभाग की ओर से की गई कार्यवाही के विरोध में लोगों ने रोष प्रकट किया है। लोगों ने उपमंडल कार्यालय के बाहर धरना देकर उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान लोगों ने बावल विधायक एवं सहकारिता मंत्री के आवास पर पहुंचकर डीटीपी की कार्यवाही को अनुचित बताया। लोगो का आरोप है भ्रष्ट प्रशासन है, अगर कालोनी अवैध है तो फिर ​रजिस्ट्री ही क्यो की जाती है। प्रशासन अपनी जेब भर है और का गरीब लोगों को फंसा दिया जाता है। लोगों ने आरोप लगाया कि अवैध कालोनी काटने वाले मंत्री के चहेते हैं। पक्के मकानों पर की गई कार्यवाही के तरीकों पर भी लोगों ने रोष प्रकट किया। उनका कहना था कि शाम को नोटिस देकर सुबह ही कार्यवाही शुरू कर दी। इस दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं को डंडे मारने का आरोप लगाया। मकान बनाने वालों के पक्की रजिस्ट्री के बाद कर्ज लेकर मकान बनाया था। इसके विरोध में लोग एसडीएम कार्यालय पहुंचे जहां अधिकारी अनुपस्थित मिले। इससे पहले लोग सहकारिता मंत्री डा. बनवारीलाल के आवास पर पहुंचे जहां सुरक्षा कर्मियों ने समझाकर वापस लौटा दिया। करीब एक घंटा इंतजार करने के बाद बावल के नायब तहसीलदार रवि कुमार को उपायुक्त के नाम से ज्ञापन सौंपा। पीड़ित महेंद्र सिंह, कमल, उमराव, कर्ण सिंह, विपिन, सतीश, रमेश, छोटेलाल, राजेंद्र, भावना, संध्या, मंजू, कल्पना, रीना, गुलाब देवी, कमलेश आदि ने बताया कि बताया कि मकान की रजिस्ट्री, इंतकाल, बिजली, मीटर, पानी आदि का कनेक्शन लिया हुआ है। मजदूरी करके बच्चों को पाल रहे हैं। बावल के वार्ड संख्या नौ में मकान बनाए दस से बारह साल से रह रहे हैं। अब तक किसी डीटीपी अधिकारी या नगर पालिका की ओर से सूचित नहीं किया। अचानक की गई कार्यवाही से वे सड़क पर रहने को मजबूर हैं। नायब तहसीलदार ने उनकी पीड़ा को उपायुक्त तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। लोगों का आरोप है कि जो कालोनी काटी गई है उसके मालिक सरकार के नेता और नगर पार्षद और उनके साथियों की है। पहले उनपर कार्यवाही करना चाहिए।