पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल: रैप जैसे संगीन अपराध के बाजवूद आखिर नहीं मांगा आरोपियों को रिमांड

मीडियो से बचते हुए चुपचाप मेडिकल करवाकर आरोपी भेजे जेल हरियणा: रेवाड़ी में हेड कॉन्स्टेबल द्वारा 2 साथियों के साथ मिलकर लड़कियों से रेप करने के मामले में पुलिस की भूमिका पर संदेश बन गया है। पुलिस ने रेप के मुख्य आरोपी हेड कॉन्स्टेबल अनिल, होमगार्ड जितेंद्र और उनके तीसरे साथी धर्मेंद्र को शनिवार गुपचुप तरीके से 4 बजे मीडिया से बचाते हुए अदालत में पेश किया। पुलिस ने तीनों आरोपियों के रिमांड की मांग नहीं की इसलिए कोर्ट ने उन्हें गुरुग्राम जिले की भोंडसी जेल भेज दिया। अगर ये रैप करने वाले कोई ओर होते तो पुलिस प्रेस वार्ता कर रैप के आरोपितयो को 10 घंटे में दबोचने को लेकर वाह वाह लूटती। लेकिन इस इधर कु्छ ओर ही हो रहा है। पुलिस ने रेवाड़ी के मॉडल टाउन थाने में तैनात आरोपी हेड कॉन्स्टेबल अनिल, होमगार्ड जितेंद्र व उनके तीसरे साथी को शुक्रवार शाम गिरफ्तार किया था। कानूनी जानकारों के मुताबिक रिमांड न मांगने का मतलब है कि आरोपियों से पूछताछ पूरी हो चुकी है और पुलिस ने केस की सारी कड़ियां जोड़ ली हैं। मसलन आरोपियों से वारदात में इस्तेमाल प्राइवेट गाड़ी बरामद की जा चुकी है, होटल स्टाफ से आरोपियों की शिनाख्त करवाई जा चुकी है। रेप जैसे संगीन अपराध में तीन-तीन आरोपियों से महज 24 घंटे में पूछताछ पूरी कर लेने वाली रेवाड़ी पुलिस की भूमिका इसलिए भी सवालों के घेरे में है क्योंकि उसका कोई अधिकारी इस मुद्दे पर कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। पुलिस अधिकारी यह भी नहीं बता रहे कि इस केस में किस आरोपी का क्या रोल रहा?