महेन्द्रगढ़: सुनील चौहान। महेद्रगढ जिले में रविवार देर रात शादी से लौटते समय एक परिवार हादसे का शिकार हो गया। इन लोगों की कार बेकाबू होकर JLN नहर में जा गिरी। इस हादसे में पानी में डूबने के कारण कार में सवार पति-पत्नी और उनके 8 वर्षीय बेटे की मौत हो गई जबकि उनकी 13 वर्षीय बेटी कार से निकलने में कामयाब रही। लड़की ने सड़क पर पहुंचकर लोगों से मदद भी मांगी मगर तीनों को बचाया नहीं जा सका। हादसे के 12 घंटे बाद तीनों की बॉडी पानी से निकाल ली गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शाम को तीनों की डेडबॉडी परिवार को सौंप दी।
रेवाड़ी जिले के रामगढ़ गांव में रहने वाले 35 वर्षीय प्रवीण कुमार महेन्द्रगढ़ में ‘विवेकानंद कोचिंग सेंटर’ चलाते थे। देवउठनी एकादशी पर रविवार रात को प्रवीण कुमार अपनी 32 वर्षीय पत्नी ललिता, 8 साल के बेटे दिव्य और 13 साल की बेटी इशिका के साथ एक शादी में अगिहार गांव गए थे। शादी का फंक्शन खत्म होने के बाद पूरा परिवार रात को ही कार में वापस रामगढ़ गांव के लिए रवाना हो गया। कार प्रवीण कुमार चला रहे थे और इशिका उनके साथ अगली सीट पर बैठी थी। उनकी पत्नी ललिता बेटे दिव्य के साथ पिछली सीट पर थीं। रात तकरीबन ढाई बजे जब परिवार जवाहर लाल कैनाल (JLN) के पुल पर पहुंचा तो अचानक कार बेकाबू होकर नहर में जा गिरी।
जेएलएन नहर में पानी बंद करवाकर डूबने वाले तीनों लोगों की तलाश करते गोताखोर।
जेएलएन नहर में पानी बंद करवाकर डूबने वाले तीनों लोगों की तलाश करते गोताखोर।
हादसे के बाद परिवार को बचाने की कोशिश करते हुए प्रवीण कुमार ने कार का आगे का शीशा (विंडस्क्रीन) तोड़कर सबसे पहले 13 साल की बेटी इशिका को बाहर निकाला। इशिका के बाद उन्होंने पिछली सीट पर बैठी पत्नी ललिता और बेटे दिव्य को भी बाहर निकालने का प्रयास किया मगर पानी के तेज बहाव के चलते सफल नहीं हो सके और तीनों डूब गए।
नहर से गुजरती पाइप पकड़कर निकली बेटी
कार से निकलने के बाद इशिका ने नहर से गुजर रही एक पाइप को पकड़ लिया और उसी के सहारे किनारे तक पहुंची। नहर से निकलने के बाद इशिका बदहवास हालत में सड़क पर पहुंची और लोगों से मदद मांगी मगर देर रात का समय होने के कारण काफी देर तक कोई गाड़ी नहीं रुकी। लगभग आधे घंटे बाद एक गाड़ी रुकी तो इशिका ने उन्हें हादसे की जानकारी देते हुए मदद मांगी। इसके बाद लोगों ने 112 नंबर पर कॉल करके एक्सीडेंट की जानकारी दी और रस्सी वगैरह की मदद से प्रवीण कुमार, उनकी पत्नी ललिता व बेटे दिव्य को ढूंढने के प्रयास शुरू किए। तीन लोगों के नहर में डूबने की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और दमकल कर्मियों को भी बुला लिया गया। आनन-फानन में नहर में पानी बंद करवाया गया।
7 घंटे बाद मिली पहली बॉडी:पुलिस ने दमकल कर्मियों, गोताखोरों और स्थानीय लोगों की मदद से रात में ही नहर में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया मगर कम रोशनी की वजह से दिक्कत आती रही। सुबह तक नहर में पानी कम हो जाने और 7 घंटे की सर्च के बाद, रविवार सुबह 9 बजे सबसे पहले ललिता की बॉडी बरामद हो गई। दोपहर साढ़े 12 बजे दिव्य की बॉडी घटनास्थल से तकरीबन 150 मीटर आगे मिली। दोपहर 2 बजे प्रवीण कुमार का शव भी बरामद हो गया। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर तीनों की बॉडी परिवार को सौंप दी।