रोहतक: सुनील चौहान। जिले में धान की खरीद न होने से नाराज किसानों ने मंगलवार को मिनी सचिवालय को घेर लिया। सैंकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर पहुंचे किसानों ने सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया, जिससे शहर में जाम की स्थिति बन गई। जाम की सूचना मिलने पर एएसपी कृष्ण लोहचब, एसडीएम राकेश कुमार व मार्केट कमेटी सचिव मौके पर पहुंचे। सभी ने मिलकर किसानों को समझाया, लेकिन किसानों ने जाम नहीं खोला। किसानों ने कहा कि तब तक जाम नहीं खोलेंगे, जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा। किसानों की मांग है कि धान की खरीद तत्काल प्रभाव से शुरू हो। जब तक सभी किसानों का एक-एक दाना नहीं खरीदा जाता, तब तक किसान धरने पर ही बैठे रहेंगे। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी समस्या के निदान में जुट गए हैं।
8 से होनी थी खरीद शुरू:
जानकारी देते हुए किसान नेता प्रीत सिंह ने बताया कि धान की खरीद का समय पहले चार तारीख को सुनिश्चित किया गया था। मगर दीवाली की वजह से खरीद का समय 8 नवंबर का कर दिया गया था। इसके बाद जब 8 को किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में धान भरकर अनाज मंडी पहुंचे, तो वहां जबाब दिया गया कि अब कोटा पूरा हो चुका है, इसलिए वे धान नहीं खरीद सकते हैं। प्रीत सिंह का कहना है कि अभी भी खेतों में 30 प्रतिशत धान खड़ा है। सरकार व प्रशासन लगातार किसानों के साथ धोखेबाजी कर रहा है। अब जब तक उनकी धान की खरीद नहीं होती, वे धरने पर ही बैठे रहेंगे।
धान की खरीद करने कोई राइस मिल या सरकारी खरीद एजेंसी नहीं आती
किसानों ने बताया कि मंडी में उनकी धान की फसल को खरीदने के लिए कोई भी राइस मिल या सरकारी खरीद एजेंसी के अधिकारी नहीं आते। खरीद होने बाद भी कई दिनों तक तुलाई नहीं होती। जब इस बारे में आढ़ती खरीद एजेंसी डीएफएससी विभाग के अधिकारियों से बात करते हैं तो बारदाना न होने की बात कह किसानों को झूठा आश्वासन देते हैं। किसानों ने बताया कि उनकी फसल खरीद करने के बाद बारदाना का इंतजाम खरीद एजेंसी या राइस मिल मालिकों को होता है। यदि खरीद एजेंसी के पास बारदाना नहीं है तो सरकार को तत्काल किसानों की ओर देखते हुए खरीद एजेंसी बदलनी चाहिए। किसानों ने बताया कि धान की फसल को खरीदने के लिए भी न तो कोई राइस मिलर आ रहा और न ही खरीद एजेंसी के अधिकारी।