सीनियर मैनेजर ने कंपनी को लगाया 68 लाख चूना, ओडिट में हुआ खुलासा

रेवाडी: सुनील चौहान। हाईव स्थित एक कंपनी सीनियर मैनेजर ने कंपनी के साथ 68 लाख की ठगी कर ली। जब कंपनी की ओडिट हुई तो धोखाधडी का पता चला। कसौला थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में बताया गया कि निमाई ग्रीन्स अलवर बाइपास भिवाड़ी निवासी अनुराग महेश्वरी उनकी कंपनी में जुलाई 2011 से सहायक मैनेजर अकाउंट के पद पर कार्यरत था तथा जून 2017 में उन्हें सीनियर मैनेजर अकाउंट के पद पर पदोन्नति दी गई। इसके बाद कंपनी के वित्तीय लेनदेन की जिम्मेदारी उन्हें मिली गई। कंपनी की तरफ से लिए जाने वाले सरकारी व प्राइवेट टेंडर के लिए कंपनी से एडवांस लेना अनुराग के काम का हिस्सा था। कुछ मामलों में वह टेंडर की देय राशि कंपनी खातों की बजाय एडवांस लेकर निजी खातों से भी करवाता रहा, परंतु सीईओ व कंपनी डायरेक्टर का विश्वास पात्र होने के कारण कभी संदेश नहीं हुआ।

नियमानुसार किसी कारणवश टेंडर नहीं मिलने पर जमा राशि वापस अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है। इसी का लाभ उठाते हुए आरोपी ने सिक्योरिटी राशि अपने निजी खाते से जमा करवानी शुरू कर दी तथा सिक्योरिटी रिफंड होने की जानकारी कंपनी अधिकारियों से छिपाए रखी। कंपनी के वित्तीय लेनदेन का अधिकार होने के चलते आरोपी ने 2017 से रिफंड ड्राफ्ट अवैध रूप से अपने पास रखे।

ऐसे की ठगी: 21 मई 2020 को कंपनी में रिफंड दिखाने के मकसद से 219 को डीडी बनवाया तथा अगले ही दिन 1116375 रुपए की राशि अवैध रूप से रिफंड करवाते हुए कंपनी अकाउंट में गलत एंट्री कर कंपनी रिकार्ड के साथ धोखाधड़ी की। आरोपी ने बैंक में लेटर देकर टेंडर के लिए एडवांस लिया, बल्कि फर्जी तरीके से कंपनी द्वारा पहले से अदा की गई टेंडर फीस भी झूठे दस्तावेजों से अपने खाते में ट्रांसफर करवाई। कंपनी के साथ गबन की आशंका होने पर जांच के लिए इंटरनल कमेटी गठित की गई। इंटरनल कमेटी व ऑडिट में 66,00,000 रुपए का गबन सामने आया।

ओडिट मे हुआ खुलासा: गबन का खुलासा होने के बाद आरोपित ने इएमडी दस्तावेजों व अन्य प्रकार से लिए गए 18,95,200 रुपए कंपनी को वापस नहीं करना भी स्वीकार किया। आरोपी ने ना तो जांच में किसी प्रकार का सहयोग किया था कंपनी को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दी। आरोपी के पास न केवल कंपनी की वित्तिय जानकारी है, बल्कि कंपनी के ब्लैंक चेक भी आरोपी के पास है। जिससे कंपनी को नुकसान पहुंचाने की आशंका है। आरोपी ने वैंडर्स के साथ मिलभगत कर कंपनी को न केवल करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है, बल्कि कंपनी की संपत्ति का निजी हितों के लिए उपयोग भी किया है। कसौला थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।