Awareness: साईबर थाना रेवाडी ने विद्या​र्थियों को किया साइबर क्राइम के प्रति जागरूक

रेवाडी: सुनील चौहान। साईबर थाना रेवाडी कि टीम ने शुक्रवार  राज इण्टरनैशल स्कूल रेवाडी मे साईबर अपराध के सम्बंध में सेमिनार का आयोजन करके छात्र और छात्राओ को साईबर अपराध के बारे मे जागरुक किया है। स्कूल प्रबंधक ने साईबर जागरुकता अभियान चलाने पर रेवाडी पुलिस कि बहुत प्रशंसा की है-पुलिस अधीक्षक रेवाडी के कुशल मार्गदर्शन मे रेवाडी पुलिस द्वारा चलाए जा रहे साईबर जागरुकता अभियान के तहत राज इण्टरनैशल स्कूल रेवाडी मे आज सेमिनार का आयोजन करके छात्र और छात्राओ को साईबर अपराध के बारे मे जागरुक करते हुए बतलया कि स्मार्ट उपकरण जैसे स्मार्ट फोन आदि की डिफाल्ट फैक्टरी बदलकर व एक मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करके खुद को साईबर अपराध का शिकार होने से बचा सकते है।

IoT.-(इंटरनेट ऑफ थिंग्स):-साधारण शब्दों में कोई भी इल्क्ट्रोनिक उपकरण जो सेंसर से लैस है व डाटा का आदान-प्रदान करने के लिए इंटरनेट से जुड़ा है वह आई.ओ.टी.(IoT) कहलाता है। उदाहरण के लिए स्मार्ट टी.वी. ,स्मार्ट ए.सी.,स्मार्ट कार ,आई.पी. कैमरा ,स्मार्ट वाच ,सेल्फ ड्राईविंग कार जैसे उपकरण जिन्हेंहम कहीं से भी निगरानी व नियंत्रित कर सकते हैं । जैसे अपने घर पर लगे आई.पी. कैमरा से हम ऑफिस में बैठे अपने घर की निगरानी कर सकते हैं ,अपने घर पर कमांड से अपने टी.वी. पर मनचाही फिल्म, गाना चला सकते है ।

आई.ओ.टी. उपकरण आज के परिदृश्य में अतिआवश्यक है क्योंकि इन्होने हमारा काम आसान व जीवन सुगम व आरामदायक बनाया है वइसके इस्तेमाल से संगठनों को रिसर्च व अपना उत्पाद ग्राहकों तक पहुँचाने में लाभ हुआ है और विभिन्न तरीकों से बाजार अनुसंधान और व्यावसायिक रणनीतियों में सुधार हुआ है व इसका इस्तेमाल भी बढ़ा है। हालांकि, इसने गोपनीयता और सुरक्षा चुनौतियों को बढ़ा दिया है । डिफाल्ट पासवर्ड ही रखना , पासवर्ड न बदलना और डिवाइस अपडेट की कमी से गोपनीयता व डाटा चोरी जैसे साईबर क्राईम बढे हैं। इस तरह से डेटा उल्लंघन और अन्य खतरों की संभावना बढ़ जाती है।

साईबर अपराध से कैसे बचें

निम्न उपाय करके हम खुद को इनसे होने वाले किसी भी संभावित साईबर अपराध से बचा सकते हैं

1. अपने डिवाईस की सेक्युरिटी सैटिंग्स को बदले व कभी भी डिफॉल्ट यूजर आई.डी. पासव़र्ड ना रखे व डिवाइस के इस्तेमाल से पूर्व ही इसे बदल लें।

2. बीच-बीच में सेक्युरिटी सैटिंग्स को चैक करते रहे व नियमित समय पर बदलते रहे ।

3. मजबूत आई.ड़ी. व पासवर्ड जैसे कम से कम एक स्पेशल कैरेक्टर ,एक नंबंर ,स्माल व कैपिटल एल्फाबैट इत्यादि के कंबीनेशन का उपयोग करें ।

4. बहु-कारक प्रमाणीकरण (Two Factor Authentication ) का उपयोग करें ।

5. डिवाईस व फर्मवेयर अपडेट के लिए निरंतर चैक करते रहे व नए डिवाइस को कॉन्फ़िगरकरते समय ऑटो अपडेट का चयन करें व अपने उपकरण को रजिस्टर करें ।

6. पुराने उपकरण उत्पादक जिनका सैक्यूरिटी पैच उत्पादक द्वारा जारी नहीं किया जाता उन्हें इस्तेमाल से हटा दें ।

7. हमेशा विश्वसनीयउत्पादक से ही IoTडिवाईस खरीदे व कभी भी डिफॉल्ट पासवर्ड ना रखें ।

8. उपकरण की रिपेयर या सर्विस के बाद चैक करें की कहीं यूजर आई.ड़ी. व पासवर्ड रिसैट तो नहीं हो गए हैं ,ऐसा है तो उन्हें तुरंत प्रभाव से बदलें ।