अलवर:रीट परीक्षा में रोज नए डमी कैंडीडेट सामने आ रहे हैं। अब 8-8 लाख रुपए में परीक्षा दिलाकर पास कराने वाले गिरोह को अलवर पुलिस ने पकड़ा है। जिसमें 4 बिहार के हैं। मुख्य सरगना भी बिहार का है। परीक्षा देने वाले बिहार के हैं। एक अभ्यर्थी भरतपुर का है। वहीं, जयपुर का एक बिचौलिया भी पकड़ा है। भरतपुर के अभ्यर्थी की जगह डमी कैंडीडेट परीक्षा नहीं दे सका तो वह खाली चेक, स्टॉम्प, अंकतालिका लेने पहुंचा। तब पुलिस ने पहले से योजना बना कर कार्रवाई को अंजाम दिया। गिरोह में कई अन्य लोग भी हैं। उन तक पुलिस पहुंचने के प्रयास में जुटी है।
राजगढ़ के थानाप्रभरी ने बताया कि राजगढ़ में त्रिवेणी उच्च माध्यमिक स्कूल में कांस्टेबल दयाराम की ड्यूटी थी। जो एक-एक अभ्यर्थी को चेक कर परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर भेज रहा था। उसी समय भरतपुर निवासी अभ्यर्थी वीरपाल सिंह आया। जिसका प्रवेश पत्र चेक किया गया। उसे दूसरा प्रवेश पत्र लाने को बोला गया। इसके बाद परीक्षा केंद्र में आने दिया गया। इस अभ्यर्थी पर पुलिस को शक हुआ। इसके बाद उस पर पूरी नजर रखी गई। लेकिन परीक्षा के बाद यह अभ्यर्थी भीड़ में से निकल गया।
फिर 29 सितम्बर को पकड़ा
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि अभ्यर्थी वीरपाल सिंह सिकंदरा में मुख्य रोड पर एक दूसरे व्यक्ति से मिलने गया है। उसकी कार के नम्बर भी बता दिए गए। इसके बाद पुलिस सिकंदरा पहुंची। वहां कांस्टेबल ने देखा कि कुछ देर बाद एक कार आई। उसमें बैठा व्यक्ति वीरपाल से बातचीत करने लगा। उनकी बातचीत सुनने के लिए सादा वर्दी में मौजूद कांस्टेबल अजीत को भेजा। तब पता चल गया कि वे रीट परीक्षा में लेन-देन की बातें कर रहे हैं।
वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मी पहुंचा तो युवक कार लेकर भागने लगा। लेकिन कार स्टार्ट करने से पहले ही उसे पकड़ लिया गया। जिसने खुद का नाम रामफूल गुर्जर निवासी जयपुर बताया। जो वीरपाल की जगह डमी कैंडिडेट बैठाने वाला था। लेकिन डमी नहीं पहुंचा तो वीरपाल ने चेक वापस लेने का दबाव बनाया। जो गिरोह के सदस्य नहीं दे रहे थे। उल्टा यह कह रहे थे कि एग्जाम में पास करा देंगे। परिणाम आने के बाद ही कागज व चेक लौटाए जाएंगे।
फिर वीरपाल ने खुलासा किया
इसके बाद पुलिस ने वीरपाल से सख्ती से पूछताछ की तो बताया कि रामफूल ने बिहार के रहने वाले हेमंत व राजू सहित कुछ लोगों को परीक्षा पास कराने के नाम पर चेक व मूल दस्तावेज दिए हैं। इन्होंने ऐसे अनेक अभ्यर्थियों के साथ किया है। इसके बाद रामफूल से सख्ती से पूछा तो बताया कि उसने बताया हेमंत उसके साथी राजू मिलकर यही काम करता है। अभ्यर्थियों की जगह डमी कैंडीडेट बैठाता है। 8 लाख रुपए रीट में देना तय है। जिसके लिए पहले ही अभ्यर्थी के मूल दस्तावेज, स्टाम्प व चेक जमा कर लिए।
फिर 30 सितम्बर को टहला बाइपास पर मिले
इसके बाद पुलिस को मुखबिर की सूचना पर टहला बाइपास पर एक कार में तीन युवकों के बैठे होने की सूचना मिली। पुलिस वहां पहुंची तो पहले तो संतोषजन जवाब नहीं दिया। फिर बाद में कहा कि वे वीरपाल को छुड़वाने आए हैं। उनके कब्जे से 8 मोबाइल, दो टेबलेट, चेक व मार्कशीट मिली हैं। ये पकड़े गए लोग गिरोह के मुख्य हैं और डमी कैंडीडेट हैं।
ये हो चुके हैं गिरफ्तार, चार बिहार के
रामफूल गुर्जर, पुत्र मंगलराम गुर्जर, निवासी मारवाड़ा कच्ची बस्ती जयपुर,
वीरपाल सिंह पुत्र भग्गी सिंह, निवासी बयाना भरतपुर
राज उर्फ बंटी पुत्र कौशेंद्र निवासी गोटिया नालंदा बिहार,
नीरज कुमार पुत्र विजेंद्र निवासी लंगडिया विगाहा दीप नगर नालंदा बिहार
राहुल कुमार पुत्र भोला प्रसादी निवासी दीहरा लक्खीसराय बिहार
रवि कुमार पुत्र युगल प्रसाद निवासी माटिहानी, मोहनपुरा गया बिहार।