Haryana: तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के भारी विरोध के बीच शुक्रवार को हरियाणा के झज्जर पहुंचे डिप्टी चीफ मिनिस्टर दुष्यंत चौटाला ने पंजाब कांग्रेस में चल रहे राजनीतिक घमासान पर तंज कसते हुए कहा कि पंजाब से कांग्रेस के खात्मे की शुरूआत हो चुकी हैं। चौटाला ने कहा कि पंजाब कांग्रेस में लगी आग की चिंगारी केन्द्र तक पहुंच चुकी हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल व दिग्विजय सिंह के कांग्रेस हाईकमान पर सवाल उठाने के बाद सबकुछ क्लियर है।
दुष्यंत चौटाला ने ऐलनाबाद उप चुनाव को लेकर कहा कि जल्द ही गठबंधन का उम्मीदवार तय होगा और इस चुनाव में गठबंधन के उम्मीदवार की ही जीत होगी। अपने चाचा अभय चौटाला के गांव में न घुसने देने के बयान पर चौटाला ने पलटवार करते हुए कहा कि विरोध करने वालों को भी जनता जानती हैं कि वे कौन लोग हैं। उप मुख्यमंत्री ने झज्जर के नेहरू कॉलेज में सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को बायोमेट्रिक उपकरण वितरित करने के साथ ही झामरी गांव में शहीद हवलदार अजीत सिंह की प्रतिमा का अनावरण भी किया।
बता दें कि शुक्रवार को झज्जर जिले में पहुंचे उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का आगमन से पहले ही विरोध शुरू हो गया था। नेहरू कॉलेज की तरफ जाने वाली सड़क पर पुलिस की भारी सुरक्षा व्यवस्था व बैरिकेडिंग के बावजूद खेती कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए बैरिकेड्स हटा दिए। उसके बाद किसान कार्यक्रम स्थल से नजदीक पहुंच गए। किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए झज्जर पुलिस ने किसानों पर वाटर कैनन का प्रयोग करते हुए उन्हें रोकने की कोशिश की थी। लेकिन किसान बीच रास्ते में ही डटे रहे।
उप मुख्यमंत्री के काफिले को किसानों ने दिखाए काले झंडे किसानों के जबरदस्त विरोध के चलते डीसी श्याम लाल पूनिया व एसपी राजेश दुग्गल उन्हें खुद समझाने के लिए पहुंचे थे। इसके बाद जैसे ही दुष्यंत चौटाला का काफिला नेहरू कॉलेज की तरफ बढ़ा विरोध कर रहे किसानों ने उन्हें काले झंडे दिए। हालांकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से निपट गया, लेकिन पूरे कार्यक्रम के दौरान किसान कार्यक्रम स्थल से कुछ दूर पहले विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करते दिखे। इस बीच कार्यक्रम स्थल पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील रहा।
उप मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए शुक्रवार सुबह से ही झज्जर जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवानों के अलावा अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया था। दोपहर के समय एक बार तो तनावपूर्ण माहौल हो गया था, जब पुलिस ने किसानों को कार्यक्रम स्थल की तरफ बढ़ते वक्त उन पर वाटर कैनन का प्रयोग किया, लेकिन स्थित को बिगड़ता देख डीसी-एसपी ने मोर्चा संभालकर किसानों के विरोध को कुछ हद तक कम किया।