अहीर कॉलेज जमीनी विवाद: 1980 में अहीर एजुकेशन बोर्ड खत्म कर बना दी सोसायटी अब ये निजी संस्थान: कैप्टेन अजय यादव

रेवाडी: सुनील चौहान। अहीर कॉलेज सोसायटी की जमीन को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेसी नेता एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने इस मामले में दूसरी बार पत्रकारवार्ता बुलाई। 105 कनाल (13 एकड़ 1 कनाल) जमीन सोसायटी के नाम कराने केा लेकर कैप्टन ने अच्छी खासी नाराजगी जाहिर करते हुए रामपुरा हाउस पर जमकर निशाना साधा। रिकार्ड का हवाला देते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि वर्ष 1980 में अहीर एजुकेशन बोर्ड को खत्म (डिजोल्व) कर अहीर एजुकेशन सोसायटी का गठन कर दिया गया।

कैप्टन ने सवाल उठाए कि जब बोर्ड को खत्म कर दिया तो फिर पट्‌टानामा तो उसी वक्त टूट गया। अब राव परिवार ने इस कॉलेज को धीरे-धीरे कर निजी संस्थान बना दिया है। इसलिए इस कॉलेज को सरकारी ग्रांट का अधिकार ही नहीं बनता। यदि यह कॉलेज ग्रांट का हकदार है तो फिर हमारे कॉलेज को भी ग्रांट मिलनी चाहिए, इसे भी हमारा ट्रस्ट चला रहा है। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि 200 करोड़ रुपए की जमीन को 1.5 करोड़ रुपए में खरीदने के इस मामले को दबने नहीं दिया जाएगा। 27 सितंबर को होने जा रहे किसान आंदोलन का समर्थन करेंगे। हम पंचायत बुलाकर इस मामले पर आवाज उठाएंगे। राव इंद्रजीत दूसरों को आगे करने की बजाय खुद आकर जवाब दें। कैप्टन ने कहा कि सत्ता में रहते ये बात जानकारी में आ जाती तो इलाज कर देता।

चेयरपर्सन तो शर्म करे, मैं उनका जेठ लगता हूं : राव के पक्ष में कैप्टन के खिलाफ बयान जारी करने वाली नगर परिषद चेयरपर्सन पूनम यादव पर भी अजय सिंह यादव ने जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं उनका जेठ लगता हूं, कुछ तो शर्म करती। हम पर आरोप लगाने से पहले ये देखे कि उनके ससुर की संपत्ति की जांच हो जाए तो क्या होगा? भूमाफिया बने फिरते हैं। नसीहत दी कि राव कभी भी चेयरपर्सन की कुर्सी भी खींच सकते हैं। इसलिए आपसी लड़ाई के बीच में ना आएं। यादव ने कहा कि निवर्तमान जिला प्रमुख शशिबाला के पति का फोन आया कि हमने से जबरदस्ती दस्तक करा लिए।

पूर्व मंत्री के कॉलेज सोसायटी से सवाल…

पहले यहां स्कूल होता था। उसे बंद करके अहीर एजुकेशन बोर्ड बनाया। पट्‌टानामा को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। रजिस्ट्री में 1965 दर्शाया है, बता 1935 रहे हैं। सोसायटी चेयरमैन बताएं कि पट्टा नाम वर्ष 1918, 1935 या 1965 में से कब हुआ?
नगर परिषद से प्रॉपर्टी आईडी केवल 4800 कुछ वर्ग गज की ली गई। यानी लगभग एक एकड़ की। जबकि रजिस्ट्री पूरे 105 कनाल की की गई है। इसे भी स्पष्ट करें कि आखिर ऐसा कैसे हो गया?
अहीर एजुकेशन बोर्ड के कई मेंबर थे। सोसायटी बनाकर इसे प्राइवेट लिमिटेड बना दिया। राव ने अपनी बेटी को मेंबर क्यों बना दिया? जबकि इनके परिवार से राव अर्जन तक मेंबर नहीं है। 1940 से 1980 तक बोर्ड मेंबर की लिस्ट जारी करें।
अहीर कॉलेज की भूमि की रजिस्ट्री की गई है उसमें लिखा है कृषि। जबकि भूमि का विवरण निल दर्शाया गया है। आखिर कमरों का विवरण क्यों नहीं दिया? रजिस्ट्री करने वालों ने रिकॉर्ड तक नहीं जांचा।
कैप्टन ने कहा कि सोसायटी के वकील टेकचंद क्लब की जमीन का उदाहरण दे रहे हैं। आरोप लगाए कि वहां तो उन लोगों ने डाका डाला हुआ है, तो क्या आप भी डाका डालोगे।
नारी का सम्मान करना सीखें कैप्टन : पूनम यादव
नप चेयरपर्सन पूनम यादव का कहना है कि कै. अजय सिंह अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। खुद को जेठ बताते हैं तो नारी का सम्मान करना तो सीखें। हमारी संपत्ति की जांच की बात करते हैं, हम कमाकर खाने वाले हैं। कै. खुद 30 साल सत्ता में रहे हैं, उनकी संपत्ति की जांच हो जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। हमने राजनीति के लिए कुर्सी नहीं संभाली। शहर का विकास ही मुख्य उद्देश्य है।

राव ने हमें बनाया, हमेशा उन्हीं के साथ : शशिबाला
निवर्तमान जिला प्रमुख शशिबाला ने कहा कि हमने कैप्टन अजय यादव को फोन कर किसी तरह के दबाव की बात नहीं कही। ये सब मनगढंत बातें हैं। राव इंद्रजीत सिंह के आशीर्वाद से जिला प्रमुख बनी। 23 सितंबर की रैली की सफलता से घबराकर विपक्षी बयानबाजी कर रहे हैं।