हरियाणा: सुनील चौहान। प्रदेश में टीचरों की भर्ती मामले में 10 साल सजा काटने के बाद जिले में आयोजित सम्मेलन में आए पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने संकेत दे दिए है कि अब हरियाणा न केवल तीसरे मोर्चा बनने जा रहा है वहीं 25 सितंबर की रैली नया रिकार्ड बनाने जा रही है। ओमप्रकाश चौटाला शनिवार को रेवाड़ी के अहीरवाल में कार्यकर्ता मिलन समारोह को संबोधित करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को देशभर के उन तमाम नेताओं व कार्यकताओं को आमंत्रित किया गया हैं, जो एक समान विचारधारा के हैं। चौटाला ने कहा कि बिडती परिस्थतियों को संभालने के लिए आज देश को आज तीसरे मोर्चे की जरूरत हैं। निश्चित रूप से देश में तीसरे मोर्चे का गठन होगा। 25 सितंबर को हरियाणा के जींद में चौधरी देवीलाल की जयंती पर इनेलो बड़ी रैली कर रही है, जिसमें देशभर के उन तमाम नेताओं को आमंत्रित किया गया है, जो कभी लोकदल का हिस्सा भी रहे। इसके अलावा भी कुछ अन्य बड़े नेताओं को न्यौता भेजा गया है। इससे साफ है कि चौटाला तीसरे मोर्चा बनाने की रणनीति पर तेजी से कार्य कर रहे हैं।
सीएम मनोहर खट्टर और पौते पर भी निशाना साधा:
चौटाला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व अपने पौते दुष्यंत पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। देश का किसान खुशहाल तो देश मालामाल और किसान परेशान तो देश कंगाल। उन्होंने कहा कि 9 माह से देश के अन्नदाता सड़कों पर बैठे हैं और सरकार उनकी सुनवाई करने की बजाय उन्हे लोठियो से पीट रहे है। जिनका सब कुछ छीना जा रहा तो किसान चुप कैसे बैठे। मौजूदा सरकार लुटेरों की है जो दिनरात दोनों हाथों से लोगों को लूट रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हालात को इसी से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री अपने विधानसभा में नहीं जा सकते। सबका विकास सबका साथ का नारे देने वाले किस तरह से किसानों पर जुल्म ढाय रही है, इसी अंदाजा लगा सकते है कि किसान को विकास कैसे किया जा रहो है। जब जब भी किसानो ने अपने हक के लिए आवाज उठाई है तो उनकी आवाज को दबाने के लिए लाठिया चलाई जा रही है। क्या ऐसे की विकास का हमें इंततार था।
आखिर कब होंगे उपचुनाव: ओपी चौटाला ने कहा कि नियम के हिसाब से सीट खाली होने के 6 माह के भीतर चुनाव कराने होते है, लेकिन प्रदेश सरकार को हारने का भय सता रहा है, तभी ऐलनाबाद के चुनाव नहीं कराए जा रहे है। वहां निश्चित इनेलो की जीत होगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कि उन्हें लंबा इंतजार करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मध्यावधि चुनाव होंगे। एक बार राज मिला तो सारी कसर पूरी मैं कर दूंगा।
दोबारा करनी पडेगी फौज:
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की एक दशक पूर्व तक अहीरवाल में मजबूत पकड़ रही है। गुरुग्राम से लेकर महेन्द्रगढ़ जिले तक उनके कार्यकर्ताओं की लंबी फौज थी। लेकिन उनके जेल जाने के बाद पार्टी में धीरे-धीरे कट्टर कार्यकर्ता एक तरह से दूर होते चले गए। रही सही कसर 2014 में पार्टी में पड़ी फूट के बाद पूरी हो गई। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता या तो किसी दूसरी पार्टी में चले गए या फिर उनके पोते दुष्यंत के साथ जुड़ गए। हालांकि ओमप्रकाश चौटाला के प्रति आस्था रखने वाले अभी भी बहुत से कट्टर समर्थक अहीरवाल में अभी हमारे साथ लगे हुए है। अब उन्हीं की बदौलत अहीरवाल में ओमप्रकाश चौटाला अपनी नई पारी की शुरुआत करते हुए राजनीतिक जमीन मजबूत करने में लगे है। 25 सितंबर को जींद में होने वाली बड़ी रैली के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का दौरा करके कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। ओपी चौटाला लगातार पुराने कार्यकर्ताओं को वापस पार्टी से जोड़ने के लिए भरसक कोशिश कर रहे हैं।