रेवाड़ी: सुनील चौहान। ललिता मेमोरियल अस्पताल में आयोजित एक कार्यक्रम में दो लड़की या एक लड़की से ही परिवार पूरा रखने वाले विशेष अभिभावकों को सम्मानित किया गया. इस सम्मान में रेवाड़ी के दो दर्जन से अधिक चिकित्सकों एवं अस्पताल संचालकों ने सर्टिफिकेट हस्ताक्षर कर दिया है. ऐसे अभिभावक जिनके घर में दो बेटी या एक बेटी है , वे बेटी को ही बेटा मानते हैं , उन्हें निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श तथा किसी भी उपचार में 50 फ़ीसदी की छूट दी जाएगी। ऐसे अभिभावक जिन्होंने अपने जीवन में एक लड़की या दो लड़कियां रखने का निश्चय किया हुआ है, ऐसे अभिभावकों को डॉक्टर्स फॉर सोसाइटी की तरफ से एक सर्टिफिकेट जारी किये गए है . इस सर्टिफिकेट के माध्यम से ऐसे अभिभावक जिनके घर में दो लड़की या एक लड़की है और उन्होंने परिवार नियोजित कर लिया है. इस संस्था के कार्यों को पर प्रकाश डालते हुए डॉ घनश्याम मित्तल ने कहा कि चार साल पहले इस मुहिम शुरुआत की गई थी .इसके तहत रेवाड़ी के कई जाने-माने अस्पताल एवं चिकित्सक ऐसे परिजनों को निशुल्क उपचार एवं अन्य सुविधाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध कराते हैं. जिनके घर में दो बेटियां या एक बेटी ही है और उन्होंने बेटे की लालसा छोड़ी हुई है ऐसे करीब 40 से अधिक परिवार इस मुहिम में शामिल हो चुके हैं. इस मुहिम पर प्रकाश डालते हुए डॉ घनश्याम मित्तल ने बताया कि लंबे समय से समाज में एक धारणा रही है कि लड़के से ही परिवार पूरा होता है ,जबकि इस गलत धारणा को तोड़ने के लिए ही लड़कियों को बराबर का सम्मान दिया जाए यह प्रयास रेवाड़ी के सभी डॉक्टरों की ओर से किया गया है . इस मौके पर मुख्य अतिथि आईएमए के प्रधान डॉ पवन गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि लड़के की कामना रखना और उसी से परिवार का वंश चलना ऐसी धारणा को इस प्रकार के आयोजन गलत साबित कर रहे हैं . लड़कियों के ऐसे अभिभावकों को डॉक्टरों की तरफ से एक छोटा सा सहयोग दिया गया है. जिसमें सभी ऐसे अभिभावक लाभान्वित हो सकेंगे और उन्हें अपने घर में बेटियों के होने का गौरवमई एहसास हो सकेगा . इस अवसर पर 40 से अधिक अभिभावकों को सर्टिफिकेट वितरित किए गए । जिसमें शहर के मशहूर चिकित्सकों ने अपने हस्ताक्षर कर यह सुविधा देने का संकल्प लिया हुआ है. इस मौके पर डॉक्टर पीसी सिंगला, डॉ बीएल गोयल डॉक्टर गुंजन गोयल, डॉ आतिश, डॉक्टर दीपक आदि मौजूद रहे।