धोखाधाडी: बैंक अधिकारी बनकर 1.96 लाख रुपए व एटीएम बंदल कर पूर्व सैनिक से एक लचाा 18 हजार की चपट
रेवाडी: सुनील चौहान। जिले में फ्रॉड के एक मामले में शातिर ने फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर युवक से एप डाउनलोड कराकर खाता संबंधी जानकारी लेने के बाद 1 लाख 96 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए। पैसे कटने का मैसेज आने के बाद पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का पता चल पाया।
वहीं दूसरे मामले में चांद कालोनी निवासी सीआएपीए के सेवानिवृत जवान से भी सहायता का झांसा देकर कार्ड बदल लिया ओर उसके खाते से एक शातिर 1 लाख 78 हजार रुपए निकाल लिए। चोरी एवं धोखाधड़ी के दोनों मामलों में पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
केस – 1 : कस्टमर केयर में किया था संपर्क, 3 घंटे बाद शातिर की कॉल आ गई
जिले के खोल थाना क्षेत्र के गांव डहीना निवासी संजय ने साइबर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने मोबाइल में पैसे ट्रांसफर के लिए यूपीआई डाउनलोड की थी। खाता से जुड़े मोबाइल नंबर के वेरीफाई होने का मैसेज नहीं आ रहा था। उन्होंने 6 अगस्त को सर्च इंजन से कस्टमर केयर नंबर लेकर संपर्क किया था।
इस पर बातचीत होने के करीब तीन घंटे बाद एक अज्ञात व्यक्ति की कॉल आई में जिसमें खुद को कस्टमर केयर का कर्मचारी बताते हुए परेशानी के संबंध में जानकारी हासिल की। फिर शातिर ने बैंक का खाता नंबर, जन्मतिथि से लेकर अन्य जानकारियां भी ले ली। शातिर ने उनसे एनी डेस्क एप के साथ पीएनबी क्विक एप डाउनलोड भी करा दी।
यह एप डाउनलोड कराने के बाद मोबाइल को हैक कर लिया और खाते से 1 लाख 96 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए। मोबाइल हैक होने की वजह से पीड़ित को पैसे कटने का भी मैसेज नहीं मिला। बाद में जब मैसेज देखे तो बैंक के कस्टमर केयर पर कॉल कराकर खाता ब्लॉक कराया। तब तक शातिरों ने पूरा पैसा उड़ा लिया।
केस-2: सीआएपीए के सेवानिवृत जवान का एटीएम बदला:
दूसरी वारदात में धारूहेड़ा के भगतसिंह चौक स्थित एटीएम से पैसे निकालने गए एक बुजुर्ग को शातिर ने सहायता का झांसा देकर 1 लाख 78 हजार रुपए निकाल लिए। पुलिस को दी शिकायत में चांद कॉलोनी निवासी सुमेर सिंह ने बताया कि उनका खाता धारूहेड़ा स्थित एसबीआई में है। पिछले साल 31 दिसंबर को वह भगतसिंह चौक स्थित एटीएम बूथ से पैसा निकालने के लिए पहुंचे थे।
इस दौरान वहां खड़े एक युवक ने सहायता की बात कहते हुए कार्ड बदल लिया और बाद में खाते से अलग-अलग समय में 1.78 लाख रुपए निकाल लिए। बुजुर्ग को कुछ समय बाद पता चला तो पुलिस को शिकायत दी लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ित ने एसपी कार्यालय में शिकायत भेजी। जांच के बाद पुलिस ने अब केस दर्ज कर लिया है।