वेबीनार आयोजित कर किया मंथन: महिलाओ पर अत्याचार के लिए दोषों कौन?

रेवाडी: सुनील चौहाना। महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचारों पर एक वेबीनार का आयोजन शुक्रवार को किया गया। कार्यक्रम की संयोजक डॉ सीमा मित्तल ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करना है । एक माता पत्नी और बेटी के रूप में, साथ ही साथ यदि महिला किसी उद्योग की स्वामी है तो उसे अपने वर्क्स प्लेस पर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों के लिए आवाज उठानी है। महिलाओं के खिलाफ यह वायलेंस शारीरिक,मानसिक और और सेक्स से संबंधित भी हो सकती है अक्सर महिलाओं को प्रताड़ित अपने ही पति या प्रेमी द्वारा किया जाता है । डॉ सीमा ने सवाल उठाए कि प्रभावित महिलाओं की मदद के लिए हम कैसे आगे आ सकते हैं lऔर एक प्राइवेट संस्थान के डॉक्टर को ऐसे मामलों में किस तरह से सरकारी मदद मिल सकती हैl कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ शकुंतला छाबड़ा ने बताया कि महिलाओं में यह अत्याचार गर्भावस्था में शुरू हो जाते हैं 02 5 जहां पर कि गर्भस्थ शिशु यदि कन्या है तो उसकी हत्या कर दी जाती हैl विशिष्ट अतिथि फोगसी की वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर अर्चना वर्मा ने कहा कि यदि हम हाथ से हाथ मिलाकर चलेंगे और एक दूसरे की मदद करेंगे और इस पर इसी तरह से परिचर्चा करके हम जागरूकता बनाएंगे तो आने वाले समय में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार बिल्कुल समाप्त हो जाएंगेl डॉ सीमा मित्तल ने कहा कि भारतीय पुरुष की मानसिकता शुरू से ही डोमिनेट करने की रहती है और वह पत्नी को केवल घर चलाने वाली तथा बच्चे पालने वाली मशीन से ज्यादा कुछ नहीं समझता आज जब महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है लड़कियां कंधे से कंधे मिलाकर लड़कों के साथ काम करती हैं बराबर की तनख्वाह लाती हैं तो उनकी उम्मीद भी रहती है कि पुरुष उनके साथ गृह कार्य में बराबर का हाथ बटाये l लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है इस विषय पर औरंगाबाद से आए गायनी विभाग औरंगाबाद के प्रमुख डॉक्टर श्रीनिवास ने अपने विचार रखे उन्होंने कहा कि जब भी वह कोई भी महिला जब इस तरह की प्रताड़ना से पीड़ित होकर उनके पास आती है तो डॉक्टर का फर्ज बनता है कि वह महिला से उसकी बात सुने, और यदि वह पुलिस केस नहीं भी करना चाहती है     03 3 तो उसकी उचित काउंसलिंग करें। वह डॉक्टर नीलेश ने रेप से संबंधित कानूनो के बारे में सभी को अवगत कराया गर्भपात से संबंधित नए कानून के बारे में डॉ अरुणा ने बताया कुल मिलाकर इस वेबीनार के माध्यम से सभी महिलाओं ने अपने विचारों का आदान प्रदान किया तथा सभी ने शपथ ली कि भविष्य में कहीं भी होने महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाएंगे और आ जाएंगे। कार्यक्रम में मौजूद अन्य फैकल्टी डॉक्टर पूनम शिवकुमार सेवाग्राम,डॉक्टर शहनाज़ जावेरी नागपुर, डॉक्टर रेनू यादव महेंद्रगढ़, डॉ मिथिलेश गुप्ता पलवल, उपासना गुप्ता रेवाड़ी,डॉक्टर सुरेखा यादव रेवाड़ी से मौजूद थे वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर उषा सचदेवा ने सभी उपस्थित गणों का धन्यवाद किया और उन्होंने यह निश्चय किया कि वह अपने वर्कप्लेस पर किसी भी प्रकार की हिंसा में शोषण को बढ़ने से रोकने की प्रतिज्ञा की कार्यक्रम को सफल बनाने में विमेन डॉक्टर विंग रेवाड़ी, रेवाड़ी डॉक्टर सोसायटी,रेवाड़ी ऑबस गायनी सोसायटी,सेवाग्राम सोसायटी सहयोगी रहे। सभी वक्ताओं ने समय समय पर ऐसे आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया।