हरियाणा में पहले से ही आईएएस अधिकारियों की कमी झेल रही सरकार के लिए आने वाला नया साल प्रशासनिक चुनौतियां और बढ़ा सकता है। वर्ष 2026 में राज्य के 13 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने की स्थिति बन रही है, जिससे ब्यूरोक्रेसी पर काम का दबाव और अधिक बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
Haryana News: एक साल का सेवा विस्तार प्राप्त कर चुके मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी भी सेवानिवृत्ति की कगार पर हैं, वहीं कई अन्य सीनियर अधिकारी भी रिटायरमेंट सूची में शामिल हैं।सबसे अहम बताया है आईएएस की कमी का असर यह है कि कई वरिष्ठ अधिकारियों को एक साथ तीन से चार विभागों का अतिरिक्त प्रभार दिया हुआ है। इससे न केवल प्रशासनिक कामकाज पर दबाव बढ़ रहा है, बल्कि निर्णय प्रक्रिया पर भी असर पड़ने की आशंका रहती है। अगर समय रहते नए पदों पर भर्ती नही की तो यह समस्या गंभीर बन सकती है।
बता दें कि हरियाणा सरकार के पास यह विकल्प मौजूद है कि योग्य हरियाणा सिविल सेवा (HCS) अधिकारियों को पदोन्नति देकर आईएएस के खाली पदों को भरा जाए, लेकिन फिलहाल पदोन्नति कोटे के कई पद भी रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो 2026 में हरियाणा की प्रशासनिक व्यवस्था के सामने चुनौतियां झेलनी पडेगी।
13 वरिष्ठ आईएएस अधिकारी होगें सेवानिवृत्त: सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों में कई बड़े और अहम नाम शामिल हैं। इनमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के राजा शेखर वुंडरू और अरुण कुमार गुप्ता, केंद्र सरकार में सचिव के पद पर कार्यरत अभिलक्ष लिखी तथा प्रधान सचिव स्तर के डी. सुरेश का नाम प्रमुख है।
बता दें कि फिलहाल अरुण कुमार गुप्ता मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, ऐसे में उनके रिटायरमेंट से सरकार को प्रशासनिक स्तर पर नई व्यवस्था बनानी होगी। इसके अलावा 2005 बैच के आईएएस अधिकारी रमेश चंद्र बिधान भी 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।

















