हर साल मेंटिनेस के नाम पर लिया जा रहा चार्ज, केवल कागजों में हो रही मेंटिनेंस
Safety Alert: धारूहेड़ा: शहर की बहुमंजिला इमारतों की लिफ्टों में खामियां अपार हैं और जिम्मेदार हादसों का इंतजार कर रहे हैं। एमटूके काउंटी हाईटस सोसायटी की एक बहुमंजिला इमारत में लिफ्ट खराब होने से आठ लोगों के फंसने की घटना ने एक बार फिर लिफ्ट सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे अहम बात यह है कि हर साल मेंटिनेस के नाम पर करीब 5 हजार रूप्ए सालाना लिया जा रहा है जबकि बिल्डर की ओर से केवल कागजों में हो रही मेंटिनेंस की जा रही है।Safety Alert
दिनोंदिन बहुमंजिला ईमारतों व उनमें लगने वाली लिफ्ट की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन सुरक्षा आडिट व लिफ्ट इंजीनियर के परीक्षण के बिना ही इन्हें संचालित किया जा रहा है। यह भी नियम है बहुमंजिला ईमारतों में लिफ्ट लगाने से पहले इंजीनियर से सुरक्षा आडिट कराना आवश्यक है। लेकिन न तो जिला प्रशासन इसको लेकर गंभीर है वह न ही कोई बिल्डर।Safety Alert
लिफ्ट एक्ट में प्रमुख नियम
- लिफ्ट या एस्केलेटर लगवाने को प्राधिकरण व प्रशासन से पंजीकरण अनिवार्य।
- खराबी पर तकनीकी टीम या एएमसी तकनीकी टीम से प्रमाण पत्र लेकर अनुरक्षण लाग बुक में लिखना होगा ।
- किसी के फंसने व सुरक्षित निकालने को साल में दो बार माक ड्रिल जरूरी।
- लिफ्ट शिफ्ट के लिए फिर से पंजीकरण जरूरी।
लिफ्ट लगाने के ये हैं मानक
- लिफ्ट में कैमरा होना चाहिए।
- आटोमेटिक रेस्क्यू डिवाइस लगी हो।
- लिफ्ट का अलार्म सिक्योरिटी रूम से जुड़ा हो।
- इंटरकाम की सुविधा होनी चाहिए।
- लिफ्ट में अग्नि शमन यंत्र की लगा हो।
- बिल्डर्स के पास एनओसी होनी चाहिए
अग्नि सुरक्षा मानकों के मुताबिक, यदि इमारत की ऊंचाई 30 मीटर से अधिक है तो केवल फायरमैन लिफ्ट ही पर्याप्त नहीं मानी जाती। ऐसी इमारतों में फायरमैन लिफ्ट के अतिरिक्त एक स्ट्रेचर लिफ्ट का होना भी जरूरी है, ताकि आपात स्थिति में घायल व्यक्ति को बिना परेशानी के बाहर निकाला जा सके।Safety Alert
सोसायटी में 8 लिफ्ट है पिछले दो साल में चार बार लिफ्ट खराब हो चुकी है। बिल्डर की ओर से अप्रतिशित गार्ड लगाए हुए है तो समस्या आने पर समाधान करने में असक्षम है। सुरक्षा नियमो की अनदेखी की जा रही है।
प्रवीण यादव, प्रधान आरडब्ल्यूए
सोसायटी में चार टावर है। जिसमे दो टावर 13 मंजिल है। लिफ्ट राम भरोसे है। तीन लिफटो में अमरजैसी अलार्म ही काम नहीं कर रहा है। जबकि हर साल लिफ्ट मेंटिनेसं के नाम पर लोगों से करीब 5000 रूपए सालाना राशि भी ली जा रही है। मनीष, सयुंक्त् सचिव,आरडब्ल्यूए

















