Haryana News: कांग्रेस ने शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री नायब सैनी की भाजपा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिरा दिया। सरकार को बहुमत साबित करने की जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि कांग्रेस के विधायकों ने प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही सदन से वॉकआउट कर दिया।
कांग्रेस ने सरकार पर जनादेश की चोरी और चुनावी प्रक्रिया में धांधली के गंभीर आरोप लगाते हुए यह अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। सदन में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने सरकार को अवैध तरीकों, फर्जी वोटरों और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बनाया है। उनका आरोप था कि विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में व्यापक गड़बड़ियां हुईं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करती थीं।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। सीएम सैनी ने अपने भाषण में कहा कि भाजपा को हरियाणा की जनता ने तीसरी बार स्पष्ट जनादेश दिया है और विपक्ष इसे नहीं पचा पा रहा है। उनका कहना था कि पारदर्शिता, विकास और सुशासन भाजपा की पहचान हैं, जब वे सरकार की उपलब्धियां गिनाते हैं।
वॉकआउट के बाद, अविश्वास प्रस्ताव औपचारिक रूप से खारिज हो गया, क्योंकि सत्ता पक्ष के विधायक सदन में मौजूद रहे। 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस संख्या बल में पीछे है, लेकिन भाजपा अपने सहयोगियों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से स्पष्ट बहुमत है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह अविश्वास प्रस्ताव सरकार को गिराने से अधिक कांग्रेस की राजनीतिक चाल का एक हिस्सा था, जिसमें वह प्रशासनिक निर्णयों, चुनावी मुद्दों और कथित फर्जी वोटरों को लेकर सरकार को घेरना चाहती थी। भाजपा ने भी इसे विपक्ष की हताशा बताया है।

















