दोषियो पर कार्रवाई नहीं तो अदालत का दरबाजा खटखटाएंगे अधिवक्ता
रेवाड़ी, 30 जुलाई (सुनील चौहान)। रेडक्रॉस सोसायटी में मरे हुए व्यक्तियों की ट्रेंनिग के मामला को लेकर जिला प्रशासन की ओर की जा रही जांच को लेकर शिकायत करने वाले अधिवक्ता ने सवाल उठाए है। इस मामले का भांडा फोड़ करने वाले रेडक्रॉस सीएसआर कमेटी के सदस्य अधिवक्ता सुनील भार्गव का कहना है कि हरियाणा में अब सरकार के न्याय पर भरोसा नहीं किया जा सकता। यदि कोई व्यक्ति किसी चीज का पर्दाफाश करता है तो जांच के नाम पर उसको स्वयं सबूत जुटाने होंगे। जांच करने वाले अधिकारी को थाली में परोस कर देना होगा कि। जबकि जांच अधिकारी मिनटों में सबूत एकत्रित कर दूध का दूध और पानी का पानी कर सकता है। मगर कहीं न कहीं जांच अधिकारी दवाब में है, जिस कारण मृतकों के डेथ सर्टिफिकेट मुझे ही उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
जाचं के नाम पर शिकायत कर्ता को कर रहे प्रताडित: सुनील भार्गव का कहना है कि जांच के नाम पर उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है कि आप इस मृतक का डेथ सर्टिफिकेट लाएं। उन्होंने कि कोई अपने परिजन का या नगर परिषद मुझे डेथ सर्टिफिकेट क्यों देगी। जबकि एसडीएम चाहे तो एक फोन कॉल पर उनको मृतक का डेथ सर्टिफिकेट व रिकार्ड मिल जाएगा। मगर एसडीएम बावल ने ऐसा नहीं किया। बस शिकायतकर्ता को हरासमेंट करने का कार्य किया है।
भार्गव ने मीडिया को बताया कि अब उन्होंने आरटीआई के माध्यम से सम्बंधित विभाग से मृतक का डेथ सर्टिफिकेट मांगा है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन इस प्रकार जांच के नाम पर शिकायतकर्ता को प्रताड़ित करेगा तो कोई भी साधारण व्यक्ति किसी अधिकारी की शिकायत नहीं कर पाएगा। हैरानी की बात तो यह है पूरी रेवाड़ी को इस मामले की जानकारी है। मगर पक्ष व विपक्ष के लोग चुप्पी साधे हुए है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को मुझ से नहीं, बल्कि दोषी अधिकारियों से मृतकों के जिंदा होने के सबूत मांगने चाहिए। उन्होंने कहा कि वे एक अधिवक्ता है। इसलिए वे डटे हुए हैं। वरना कोई और अब तक बलि का बकरा बन गया होता। यदि जिला प्रशासन ने उनके साथ न्याय नहीं किया तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे व दोषियों को सजा दिलवाएंगे।
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