Delhi News: दिल्ली की बढ़ती आबादी (Population) और जरूरतों को देखते हुए जिलों की संख्या बढ़ाना जरूरी हो गया था। पहले 1997 में दिल्ली में कुल नौ जिले (Districts) थे। फिर सितंबर 2012 में दो नए जिले (Districts) बनाए गए जिससे संख्या 11 हो गई। अब दिल्ली सरकार ने जिलों की संख्या बढ़ाकर 13 कर दी है। इस बार जिलों के गठन में क्षेत्रफल और जनसंख्या दोनों का ध्यान रखा गया है। कई पुराने जिले (Districts) जिनसे लोगों को दिक्कतें होती थीं उनका पुनर्गठन किया गया है जिससे जनता को राहत मिलेगी।
अब कुछ जिले (Districts) नगर निगम के जोन के साथ भी मेल खाएंगे क्योंकि दोनों का क्षेत्रफल समान कर दिया गया है। पूर्वी जिले (Districts) का क्षेत्र निगम के शाहदरा उत्तरी जोन के बराबर होगा जबकि शाहदरा दक्षिणी जोन का पूरा इलाका पूर्वी जिले (Districts) के बराबर। इससे दोनों जिलों में नगर निगम के जोन के हिसाब से विकास योजनाएं बेहतर तरीके से बनाई और लागू की जा सकेंगी।
पुरानी दिल्ली को नया जिला बनाए जाने से चांदनी चौक (Chandni Chowk) और सदर बाजार जैसी जगहों की समस्याओं पर जिला प्रशासन बेहतर ढंग से ध्यान दे सकेगा। पुरानी दिल्ली की व्यवस्थाएं खास होती हैं यह क्षेत्र थोक बाजारों का केंद्र होने के साथ-साथ दिल्ली का सबसे घना आबादी (Population) वाला इलाका भी है।
इसके अलावा पुरानी दिल्ली में कई ऐतिहासिक इमारतें हैं और यह राज्य का एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। यह फैसला लालकिला धमाके के एक महीने बाद लिया गया है। माना जा रहा है कि जिले (Districts) के पुनर्गठन से प्रशासन को इस क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने में आसानी होगी। अभी तक यह पुरानी दिल्ली मध्य दिल्ली जिले (Districts) के अंतर्गत आता था जिसका क्षेत्र भलस्वा बुराड़ी मुकुंदपुर और सराय रोहिल्ला तक फैला हुआ था। इस वजह से अधिकारियों और कर्मचारियों को इतने बड़े इलाके में अपने ध्यान को बांटना पड़ता था जो अब आसान हो जाएगा।
नई दिल्ली जिला अब नगर निगम के क्षेत्र से पूरी तरह अलग हो गया है। इस जिले (Districts) में अब NDMC और दिल्ली कैंट (Delhi Cantt) के इलाके शामिल होंगे। इन दोनों क्षेत्रों में दिल्ली के बाकी हिस्सों की तुलना में समस्याएं कम होती हैं।
जिलों के पुनर्गठन के बाद शालीमार बाग और शकूर बस्ती के रहने वालों को अब कंझावला जाने के लिए 10-12 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ेगा। अब उनका काम स्थानीय स्तर पर ही हो जाएगा। नए जिले (Districts)के गठन के बाद बुराड़ी के लोगों को जिला अधिकारी से मिलने के लिए दरियागंज तक नहीं जाना होगा क्योंकि बुराड़ी को अब उत्तरी जिले (Districts) में शामिल किया गया है। उत्तरी जिले (Districts)में बुराड़ी के साथ-साथ बादली और आदर्श नगर भी शामिल हैं। आदर्श नगर पहले उत्तरी जिले (Districts)के अलीपुर मुख्यालय से जुड़ा था।
नई व्यवस्था में नांगलोई जट क्षेत्र को अब उत्तर-पश्चिम जिले में शामिल कर लिया गया है। साथ ही इस जिले के अंतर्गत रोहिणी और किराड़ों इलाके भी आए हैं। दक्षिणी दिल्ली के बदरपुर इलाके के लोग पहले राजस्व से जुड़े कामों के लिए अमर कॉलोनी स्थित जिलाधिकारी कार्यालय जाना पड़ता था। नई व्यवस्था में बदरपुर को एक सब-डिवीजन बनाया जाएगा और इसे अब दक्षिण-पूर्व जिले में शामिल किया गया है। यहां SDM तहसीलदार और पटवारी भी मौजूद रहेंगे। लोगों को अमर कॉलोनी के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। काम में पारदर्शिता बढ़ेगी समय की बचत होगी और विभागों के बीच बेहतर तालमेल भी होगा। इस तरह कई प्रशासनिक समस्याएं भी आसानी से हल हो जाएंगी।

















