Delhi: दिल्ली-काठमांडू राष्ट्रीय राजमार्ग के छपवा-रक्सौल NH-27D मार्ग पर इन दिनों घना कोहरा छा गया है। इस कोहरे ने लोगों की दैनिक दिनचर्या और यात्रा पर गहरा असर डाला है। सुबह-सुबह सड़क पर मोटी कोहरे की परत छाई रहती है, जिससे दृश्यता बहुत कम हो जाती है। स्थिति इतनी गंभीर है कि सुबह के समय बड़े-बड़े वाहन और छोटी गाड़ियाँ दोनों ही धीमी गति से चलने को मजबूर हैं।
ड्राइवर अपनी यात्रा केवल हेडलाइट, इंडिकेटर और फॉग लाइट्स के सहारे कर पा रहे हैं, लेकिन हर पल खतरे का अहसास बना रहता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मार्ग पर पहले से ही दुर्घटनाएँ सामान्य हो चुकी हैं, और कोहरे की बढ़ती घनता ने खतरे को और बढ़ा दिया है। राहगीरों ने बताया कि कोहरा इतना घना है कि 10 से 20 मीटर के आगे की सड़क तक दिखाई नहीं देती। इससे मोड़, गड्ढे और सामने से आने वाले वाहन का सही अनुमान लगाना ड्राइवरों के लिए मुश्किल हो गया है।
सावधानी के साथ ही सुरक्षित यात्रा संभव
जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, कोहरा और घना होता जा रहा है। यात्रियों का कहना है कि लोग केवल अत्यंत आवश्यक होने पर ही घरों से निकल रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे और कामकाजी लोग इस मौसम में सबसे अधिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। स्थानीय निवासी सृजन यादव, दिवाकर मिश्रा और बाबलू तिवारी ने कहा कि घने कोहरे में सावधानी और जागरूकता ही दुर्घटनाओं को रोकने का एकमात्र उपाय है। उन्होंने ड्राइवरों से आग्रह किया कि वे इस मौसम में यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करें, अनावश्यक ओवरटेकिंग से बचें और वाहन की गति नियंत्रित रखें।
जागरूकता और प्रशासनिक कदमों की जरूरत
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से इस मौसम को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क पर सावधानी, गति नियंत्रण और नियमों का पालन ही इस घने कोहरे में दुर्घटनाओं को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है। इसके अलावा, प्रशासन द्वारा कोहरे की चेतावनी संकेत और मार्ग पर अतिरिक्त मार्गदर्शन प्रदान करना भी सुरक्षित यात्रा में सहायक साबित हो सकता है। इस मौसम में लोगों की सुरक्षा और सुचारु यातायात सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और जनता दोनों की भूमिका अहम है।

















