Delhi: दक्षिण दिल्ली के एक गाँव में देश की पहली पूर्णतः डिजिटल जनगणना से पहले एक प्री-टेस्ट अभ्यास शुरू किया गया है। इस प्री-टेस्ट का उद्देश्य तकनीकी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता और दक्षता को परखना है। दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग को 2027 की जनगणना का मुख्य एजेंसी नियुक्त किया गया है, और यह कार्य अप्रैल 2026 से फरवरी 2027 के बीच सम्पन्न किया जाएगा।
राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परीक्षण का उद्देश्य डिजिटल जनगणना में उपयोग होने वाली प्रक्रियाओं और मोबाइल एप्लिकेशन की क्षमता का मूल्यांकन करना है। इस अभ्यास में लगभग 2,000 लोगों को शामिल किया गया है। प्री-टेस्ट 10 नवंबर से शुरू हुआ और रविवार को समाप्त होगा। इसमें मुख्य रूप से मोबाइल एप्लिकेशन, डेटा संग्रह की पद्धति, डिजिटल सिस्टम और जनगणना के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक की जांच और सुधार किया जा रहा है।
2027 की जनगणना को दो चरणों में आयोजित किया जाएगा।
चरण 1: हाउस-लिस्टिंग ऑपरेशन 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा, जिसमें प्रत्येक घर के निवासियों की स्थिति, संपत्ति और उपलब्ध सुविधाओं का डेटा एकत्र किया जाएगा।
चरण 2: 1 फरवरी 2027 से शुरू होने वाला यह चरण जनसंख्या के जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत विवरण इकट्ठा करने पर केंद्रित होगा।
इस प्री-टेस्ट के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डिजिटल जनगणना सुचारू और त्रुटि-रहित तरीके से संपन्न हो। डिजिटल तकनीक के उपयोग से डेटा संग्रह तेज, सुरक्षित और सटीक होगा। अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से भारत में भविष्य की जनगणना प्रक्रियाओं में आधुनिक तकनीकों को अपनाने का मार्ग प्रशस्त होगा और नीति निर्धारण तथा योजना निर्माण में सहूलियत मिलेगी।

















