Haryana News: हरियाणा में बेटियों की सुरक्षा को लेकर अब एक मजबूत कदम उठाया गया है। स्कूल और कॉलेज जाने वाली छात्राओं की बढ़ती चिंता को देखते हुए हरियाणा राज्य महिला आयोग ने एक नई योजना शुरू की है। अब बेटियां ही अपनी सुरक्षा की पहली कड़ी बनेंगी। आयोग ने तय किया है कि स्कूल जाने वाले वाहनों में महिला ड्राइवर होंगी, जो छात्राओं के लिए सुरक्षा की पहली दीवार बनेंगी और साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा।
महिलाओं को मिलेगा वाहन चलाने का प्रशिक्षण और रोजगार
राज्य महिला आयोग की योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें सब्सिडी पर लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे स्कूली कैब, ऑटो या अन्य परिवहन सेवाओं से जुड़ सकें। इस योजना का आवेदन जल्द शुरू होगा और इसे 1 जनवरी से लागू किया जाएगा। इससे ना सिर्फ छात्राओं को सुरक्षित सफर मिलेगा बल्कि कई महिलाओं को रोजगार का भी अवसर मिलेगा।
बेटियों की सुरक्षा के लिए कड़े फैसले
फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में हाल ही में हुई दो गंभीर घटनाओं ने इस योजना को मजबूती दी है। एक मामले में स्कूली वाहन चालक ने छात्रा को परेशान किया और जानबूझकर लंबा रास्ता तय कराया। दूसरी घटना में छात्रा पर सम्मोहन दुरुपयोग कर अत्याचार किया गया। इन घटनाओं ने साफ कर दिया कि बेटियों की सुरक्षा अब सामान्य व्यवस्था पर छोड़ना ठीक नहीं।
जिमों में महिला ट्रेनर होगी अनिवार्य
महिला आयोग ने महिला जिमों के लिए भी नियम बनाए हैं। अब प्रदेश में कोई भी महिला जिम बिना महिला ट्रेनर के नहीं चलेगा। अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी न केवल जिम संचालक की बल्कि वहां आने वाली महिलाओं की भी होगी।
महिला आयोग अब महिला वार्ड पार्षदों को सुरक्षा और जागरूकता अभियान में जोड़ेगा। पार्षद हर महीने अपने वार्ड के कन्या स्कूलों का निरीक्षण करेंगी और छात्राओं से बातचीत करेंगी। आयोग ने अब तक 200 से अधिक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। यह पहल बेटियों की सुरक्षा को और मजबूत बनाएगी।

















