Haryana export boost: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने बताया कि हाल ही में सरकार द्वारा स्वीकृत ₹25,060 करोड़ का निर्यात संवर्धन मिशन लैंडलॉक्ड राज्यों की निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए लक्षित योजनाओं को शामिल करेगा। उन्होंने केंद्रीय और राज्य सरकारों के मजबूत साझेदारी की भी आवश्यकता पर जोर दिया ताकि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। गोयल ने यह बात मंगलवार को चौथी बोर्ड ऑफ ट्रेड (BoT) बैठक में कही। 2019 में पुनः गठित यह बोर्ड विदेशी व्यापार नीति के उपायों पर सर्वोच्च सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करता है। मंत्री ने कहा कि राज्यों से प्राप्त सुझावों के आधार पर मंत्रालय संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर समय पर प्रभावी समाधान विकसित करेगा।
सरकार ने 12 नवंबर को वैश्विक व्यापार में अनिश्चितताओं को देखते हुए निर्यात संवर्धन मिशन को मंजूरी दी। इसके तहत अगले छह वर्षों में ₹25,060 करोड़ खर्च किए जाएंगे। मिशन को दो उप-योजनाओं के माध्यम से लागू किया जाएगा: निर्यात संवर्धन (₹10,401 करोड़) और निर्यात निर्देशन (₹14,659 करोड़)। इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना और विशेष रूप से हरियाणा जैसे लैंडलॉक्ड राज्य शामिल हैं। हरियाणा के उद्योग और निर्यातक इस मिशन से विशेष रूप से लाभान्वित होंगे, क्योंकि राज्य सरकार की पहल और केंद्र की सहयोग नीति उन्हें वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद करेगी।
निर्यात रणनीति और राज्यों की भूमिका
गोयल ने कहा कि भारत की निर्यात रणनीति अब नए बाजारों तक पहुंच, लॉजिस्टिक्स सुधार, एमएसएमई को मजबूत करना और तकनीकी अपनाने पर केंद्रित है। ये कदम वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जुड़ाव मजबूत करने और भारत को विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार के रूप में स्थापित करने के लिए जरूरी हैं। मंत्री ने राज्यों से यह भी आग्रह किया कि वे अपने सफल मॉडल और बेहतरीन प्रथाओं को साझा करें, खासकर व्यवसाय करने की सुविधा और सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के क्षेत्र में। हरियाणा ने पहले ही कई डिजिटल और लॉजिस्टिक सुधार लागू किए हैं, जिससे राज्य का निर्यात तेजी से बढ़ा है।
व्यापार संबंधी मुद्दों का त्वरित समाधान
BoT बैठक में वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि मंत्रालय डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का विस्तार करने, व्यापार-संबंधी मुद्दों के समाधान को तेजी से करने और इंटर-एजेंसी समन्वय को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में विभिन्न राज्यों के मंत्री, केंद्रीय और राज्य अधिकारी, निर्यात संवर्धन परिषद, उद्योग संघ और बड़ी संख्या में निर्यातक और व्यापार विशेषज्ञ मौजूद थे। हाल ही में अमेरिका में उच्च टैरिफ के कारण भारत के निर्यात में अक्टूबर में 11.8% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि व्यापार घाटा बढ़कर $41.68 बिलियन हो गया। ऐसे समय में हरियाणा जैसे राज्यों की निर्यात क्षमता बढ़ाना और केंद्र-राज्य सहयोग मजबूत करना आर्थिक मजबूती के लिए अहम माना जा रहा है।

















