PM Modi ने कुरुक्षेत्र में गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत दिवस समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से गुरु तेग बहादुर जी के जीवन के आदर्शों को अपनाने की अपील की और उनकी वीरता को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न तो डरता है और न ही रुकता है। उन्होंने इस अवसर पर गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ पर एक विशेष सिक्का और स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश लोगों में साहस, धर्म और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता की भावना जागृत करता है।
अपने संबोधन में PM Modi ने कहा, “मुगल आक्रमणकारियों के समय में गुरु साहिब ने वीरता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। कश्मीरी हिंदुओं को जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने की कोशिश की जा रही थी। इस संकट के समय पीड़ितों का एक समूह गुरु साहिब से मदद के लिए आया। गुरु महाराज ने सभी पीड़ितों से कहा कि वे औरंगज़ेब को स्पष्ट रूप से बताएं कि यदि गुरु तेग बहादुर इस्लाम स्वीकार कर लेते हैं, तो सभी लोग भी इस्लाम स्वीकार कर लेंगे।” यह शब्द उनकी निडरता और सर्वोच्च साहस को दर्शाते हैं। उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों और धर्म पर समझौता नहीं किया।
धर्म और कर्तव्य के मार्ग पर अडिग रहना
प्रधानमंत्री ने कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि का हवाला देते हुए कहा कि इसी भूमि पर भगवान कृष्ण ने सत्य और न्याय की रक्षा को सर्वोच्च धर्म घोषित किया था। कुरुक्षेत्र सिख परंपरा का महत्वपूर्ण केंद्र है, और लगभग सभी गुरु इस पवित्र यात्रा के दौरान यहाँ आए। पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास में गुरु तेग बहादुर जैसे व्यक्तित्व दुर्लभ हैं। उनका जीवन, त्याग और चरित्र हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। वीर साहिबज़ादे को भले ही दीवार में ईंटों में दबाया गया, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्य और धर्म का पालन कभी नहीं छोड़ा।
#WATCH | Kurukshetra, Haryana | Speaking at the 350th Shaheedi Diwas of Sri Guru Tegh Bahadur Ji, Prime Minister Narendra Modi says, "… The cruel Aurangzeb ordered Guru Tegh Bahadur's imprisonment. However, Guru Tegh Bahadur himself announced his intention to go to Delhi.… https://t.co/032Rctwwzu pic.twitter.com/yQTcUVBzo6
— ANI (@ANI) November 25, 2025
गुरु परंपरा को आधुनिक भारत से जोड़ने के प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रत्येक तीर्थ स्थल को आधुनिक भारत की भावना से जोड़ने का प्रयास किया है। चाहे वह कार्तारपुर कॉरिडोर का निर्माण, हेमकुंड साहिब में रोपवे प्रोजेक्ट, या आनंदपुर साहिब में विरासत-ए-खालसा संग्रहालय का विस्तार हो, इन सभी कार्यों को गुरु की परंपरा को आदर्श मानकर पूर्ण भक्ति के साथ संपन्न किया गया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि गुरुओं की गौरवशाली परंपरा हमारे लिए हमेशा आदर्श बनी रहेगी और युवा पीढ़ी को उनके सिद्धांतों और शौर्य से प्रेरणा मिलती रहेगी।

















