Haryana: फरीदाबाद में शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी किए हैं कि जिन प्राइवेट स्कूलों ने राइट टू एजुकेशन (RTE) के तहत 25 प्रतिशत सीटों और प्रवेश की जानकारी पोर्टल पर नहीं दी, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। शैक्षणिक सत्र शुरू होने के नौ महीने बाद शिक्षा विभाग ने स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू किया है। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा सीधे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। विभाग का कहना है कि जो स्कूल आगामी सप्ताह से प्रवेश संबंधी जानकारी नहीं देंगे, उन्हें जुर्माना नोटिस भेजा जाएगा।
RTE के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं। इसके बावजूद, जिले के कई प्राइवेट स्कूलों ने पोर्टल पर सीटों की उपलब्धता की जानकारी नहीं दी। सीट आवंटन सूची जारी होने के बाद भी उन्होंने प्रवेश देने से इनकार किया। यह ध्यान देने योग्य है कि जिले में 1,000 से अधिक प्राइवेट स्कूल संचालित हैं। अक्टूबर में, शिक्षा विभाग ने लगभग 124 स्कूलों का MIS (मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम) बंद कर दिया था, क्योंकि उन्होंने सीट जानकारी प्रदान नहीं की थी।
जुर्माने और कार्रवाई की प्रक्रिया
शिक्षा निदेशालय ने उन स्कूलों की सूची और जुर्माने की राशि मांगी थी, जिन्होंने छात्रों को प्रवेश देने से इनकार किया। नवंबर के पहले सप्ताह में विभाग ने सूची और निर्धारित जुर्माने के साथ शिक्षा निदेशालय को रिपोर्ट भेजी। अब स्कूलों पर जुर्माना लगाया गया है और कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है। स्कूलों के प्रथम श्रेणी शुल्क के आधार पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है—3,000 रुपये शुल्क वाले स्कूलों के लिए 70,000 रुपये और 6,000 रुपये शुल्क वाले स्कूलों के लिए 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
शिकायत और अधिकारीयों की प्रतिक्रिया
यह मामला जिला शिकायत एवं निवारण समिति की बैठक में उठाया गया। शिकायतकर्ता सुरेंद्र ने दावा किया कि उनके बच्चे को DPS स्कूल में RTE एक्ट के तहत प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इस पर उद्योग और वन पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने जिला उपायुक्त विक्रम सिंह को आदेश दिया कि वे जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अंशु सिंघला के खिलाफ कार्रवाई करें। प्राइवेट स्कूलों की सूची और जुर्माने की जानकारी शिक्षा निदेशालय को भेज दी गई है। निदेशालय के निर्देशानुसार यह सूची ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को भेजी गई है और जल्दी से जल्दी जुर्माना लगाने के आदेश दिए गए हैं। जिला शिक्षा विभाग इस कार्रवाई की रिपोर्ट निदेशालय को भेजेगा।

















