Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ड्राइवरों की भर्ती प्रक्रिया में सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। अब अगर किसी भी विभाग, निगम या स्वायत्त निकाय को ड्राइवरों की जरूरत होगी तो सबसे पहले दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के उपलब्ध ड्राइवरों को तैनात किया जाएगा। बिना DTC की अनुमति के कोई भी विभाग बाहरी स्रोत से ड्राइवर नहीं रख पाएगा।
दिल्ली में फिलहाल बस सेवा का संचालन DTC करता है, लेकिन कई बसों के ड्राइवर DTC के कर्मचारी नहीं हैं। खासकर ई-बसों में जिन कंपनियों की बसें हैं, उन्हीं के ड्राइवर तैनात होते हैं। अब ई-बसों को ही प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे DTC के ड्राइवर बड़ी संख्या में खाली रहेंगे। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि ड्राइवरों की मांग को पूरा करने के लिए सबसे पहले DTC के ड्राइवरों का इस्तेमाल होगा।
सरकार ने कहा है कि DTC के ड्राइवरों के कौशल और अनुभव को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था लागू की जा रही है ताकि सरकारी तंत्र में ड्राइवरों की कमी न हो। यह कदम ड्राइवरों के बेहतर उपयोग और संसाधनों की बचत के लिए लिया गया है।
आदेश में साफ किया गया है कि अगर कोई विभाग DTC के उपलब्ध ड्राइवरों के बावजूद बाहरी ड्राइवर रखना चाहता है तो उसे पहले DTC से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना होगा। DTC जांच करेगा कि उसके पास योग्य ड्राइवर उपलब्ध हैं या नहीं। अगर उपलब्ध होंगे तो विभाग को केवल DTC के ड्राइवर ही लेने होंगे।
यह नया नियम दिल्ली सरकार की ड्राइवर भर्ती प्रक्रिया को और व्यवस्थित करेगा और ड्राइवरों के बेहतर प्रबंधन में मदद करेगा। साथ ही इससे सरकारी विभागों में ड्राइवरों की तैनाती में तेजी और पारदर्शिता आएगी।

















