Delhi pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रही एक महिला ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार कुछ ठोस कदम उठाए। साल-दर-साल हम इसी स्थिति से गुजरते हैं।” एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “वे केवल दोषारोपण का खेल खेल रहे हैं और कोई भी वास्तव में इस समस्या का समाधान नहीं कर रहा।” हालांकि ये वीडियो लगभग 10 दिन पुराना है, लेकिन प्रदूषण की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।
दिल्ली का AQI खतरे के निशान के करीब
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) एक बार फिर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली का औसत AQI 391 था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। लेकिन यह ‘गंभीर’ श्रेणी (401-500) से मात्र एक अंक ही कम है।
राजधानी के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर
CPCB के ‘समीर’ ऐप के अनुसार दिल्ली के 38 निगरानी स्टेशनों में से 18 स्टेशनों पर AQI 400 के पार हो गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। चांदनी चौक, डीटीयू, बवाना, आनंद विहार, मुंडका, नरेला और वजीरपुर जैसे इलाकों में प्रदूषण का स्तर 400 से ऊपर दर्ज किया गया।
प्रदूषण की बढ़ती वजहें और भविष्य की चेतावनी
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता Early Warning System ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा और भी खराब हो सकती है और ‘गंभीर’ स्तर तक पहुंच सकती है। पुणे के IITM के Decision Support System के अनुसार गुरुवार को वाहनों से निकलने वाले धुएं का योगदान 17.3% था, जबकि पराली जलाने का योगदान 2.8% रहा। शुक्रवार को भी वाहन और पराली जलाने का योगदान इसी स्तर पर रहने का अनुमान है।
पराली जलाने की घटनाएं
उपग्रह चित्रों से पता चला है कि बुधवार को पंजाब में 16, हरियाणा में 11 और उत्तर प्रदेश में 115 खेतों में पराली जलाने की घटनाएं हुईं, जो वायु प्रदूषण को और बढ़ा रही हैं।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा के करीब पहुंच चुका है। प्रदूषण रोकने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि राजधानी की हवा साफ हो सके और लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।

















