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Utpanna Ekadashi: मुरासुर वध की रहस्यमयी कथा और आज व्रत शुरू करने से क्यों मिलता है अनंत पुण्य?

On: November 14, 2025 9:13 AM
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Utpanna Ekadashi: मुरासुर वध की रहस्यमयी कथा और आज व्रत शुरू करने से क्यों मिलता है अनंत पुण्य?

Utpanna Ekadashi: मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वर्षभर एकादशी का व्रत करने की शुरुआत इसी एकादशी से करनी चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार, असुर मुर ने भगवान विष्णु पर प्रहार करने का प्रयास किया। उसी समय भगवान विष्णु के शरीर से एक देवी प्रकट हुईं और उन्होंने मुरासुर का वध कर दिया। प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने कहा कि “चूंकि तुम मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्न हुई हो, इसलिए तुम्हारा नाम एकादशी होगा, और आज से हर एकादशी पर मेरी पूजा के साथ तुम्हारी भी उपासना होगी।” इसीलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन व्रत की शुरुआत करने से व्यक्ति को अनंत पुण्य, मानसिक शांति और जीवन में समृद्धि प्राप्त होती है।

यदि कोई व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचना चाहता है, तो इस एकादशी पर तुलसी की जड़ की थोड़ी-सी मिट्टी पानी में मिलाकर स्नान करना शुभ माना जाता है। शुद्ध जल से स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करनी चाहिए। वहीं व्यापार में तेजी से वृद्धि और धन की प्रगति के लिए भगवान विष्णु के समक्ष पांच गुंजाफल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है। पूजा के बाद इन गुंजाफलों को तिजोरी या कैश बॉक्स में रखना सौभाग्यदायी होता है। यदि कोई व्यक्ति व्यापार में हानि का सामना कर रहा हो या जीवन से नकारात्मकता दूर करना चाहता हो, तो दस मुखी रुद्राक्ष को पूजा में शामिल करना चाहिए। पूजा के पश्चात इस रुद्राक्ष को धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा और स्थिरता बढ़ती है।

घर-परिवार की शांति, समृद्धि और रिश्तों को मजबूत करने के उपाय

उत्पन्ना एकादशी का दिन पारिवारिक सामंजस्य और रिश्तों में मधुरता लाने के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। भगवान विष्णु की पूजा के बाद ब्राह्मण का आशीर्वाद लेकर उन्हें दक्षिणा देना या वस्त्र भेंट करना अत्यंत शुभ है। घर में सुख-शांति बढ़ाने के लिए दक्षिणावर्ती शंख को मंदिर में स्थापित कर उसकी रोली, धूप और दीप से पूजा करनी चाहिए। वेतन वृद्धि की इच्छा रखने वाले लोग सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की धूप-दीप से पूजा करें और “ॐ गोविंदाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने और जीवन में सफलता पाने के लिए केसर मिश्रित दूध भगवान विष्णु को अर्पित करना और तुलसी की माला धारण करना अत्यंत फलदायी होता है। इसके साथ ही किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना और किसी जरूरतमंद को भोजन कराना बेहद शुभ माना जाता है।

दृष्टि दोष से सुरक्षा, ज्ञान-वृद्धि और जीवन में प्रकाश लाने के उपाय

ज्ञान की वृद्धि और बुद्धि की प्रखरता के लिए इस दिन मंदिर में चावल का दान करना चाहिए। ध्यान रखें कि एकादशी पर चावल दान किए जाते हैं, लेकिन चावल का सेवन नहीं किया जाता और न ही विष्णु पूजा में चावल का उपयोग होता है। परिवार को हर प्रकार के नजर दोष से बचाने के लिए उतने ही गोमती चक्र लें, जितने परिवार के सदस्य हों। प्रत्येक गोमती चक्र को एक-एक सदस्य का नाम लेकर पूजा करें और अंत में सभी को पीले कपड़े में बांधकर घर के मंदिर में रख दें। जीवन में प्रकाश और सफलता लाने के लिए शाम के समय भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। दीपक की लौ की गर्माहट को दोनों हथेलियों से ग्रहण करके उसे आंखों पर और फिर कानों के पीछे लगाना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि यह उपाय जीवन के अंधकार को दूर कर उजाले और सफलता के द्वार खोलता है।

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